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नकली नौकरी, नकली ऐड और मनी लॉन्ड्रिंग.. अमेरिका में ऐसे वीजा फ्रॉड कर रहे थे 2 पाकिस्तानी, FBI ने पकड़ा

पाकिस्तान के 2 नागरिकों पर आरोप है कि वे अमेरिका को धोखा देने की साजिश, वीजा धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और फ्रॉड में शामिल है. दोनों को FBI ने गिरफ्तार कर लिया है.

नकली नौकरी, नकली ऐड और मनी लॉन्ड्रिंग.. अमेरिका में ऐसे वीजा फ्रॉड कर रहे थे 2 पाकिस्तानी, FBI ने पकड़ा
अमेरिका में ऐसे वीजा फ्रॉड कर रहे थे 2 पाकिस्तानी

Pakistani Nationals Arrested In US: अमेरिका के टेक्सास में दो पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि दोनों कई सालों से फर्जी नौकरी की पेशकश और फर्जी वीजा एप्लिकेशन से जुड़े इमिग्रेशन फ्रॉड कर रहे थे. साथ ही वे मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट चला रहे थे. इसकी जानकारी अमेरिका की जांच एजेंसी FBI के डायरेक्टर काश पटेल ने दी है.

39 साल के अब्दुल हादी मुर्शिद और 35 साल के मुहम्मद सलमान नासिर पर टेक्सास की एक लॉ फर्म और रिलायबल वेंचर्स इंक नामक कंपनी के साथ ही आरोप लगाए गए हैं. आरोप है कि वे अमेरिका को धोखा देने की साजिश, वीजा धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और फ्रॉड में शामिल है. मुर्शीद पर अवैध रूप से अमेरिकी नागरिकता हासिल करने की कोशिश करने का भी आरोप है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर काश पटेल ने लिखा, "FBI के डलास ब्रांच ने बड़ी गिरफ्तारियां की हैं. अब्दुल हादी मुर्शिद और मुहम्मद सलमान नासिर, टेक्सास के दो व्यक्ति, जिन्होंने कथित तौर पर फर्जी वीजा आवेदन बेचकर अमेरिकी आव्रजन कानूनों को दरकिनार करते हुए एक क्रिमिनल एंटरप्राइज चलाया." उन्होंने कहा, "हमारी एफबीआई टीमों और जांच में पार्टनर्स को बहुत-बहुत धन्यवाद."

अभियोग के अनुसार, दोनों व्यक्तियों और उनके बिजनेस ने विदेशियों (जिन्हें अदालत के डॉक्यूमेंट में "वीजा चाहने वाले" कहा गया है है) को अवैध रूप से अमेरिका में आने और रहने में मदद करने के लिए नकली वीजा आवेदन दाखिल करके पैसा कमाया. उन्होंने झूठी कागजी कार्रवाई प्रस्तुत की, नौकरी की पेशकश के बारे में झूठ बोला और सिस्टम को चकमा देने के लिए ईबी-2, ईबी-3 और एच-1बी वीजा प्रोग्राम का इस्तेमाल किया.

इसे नौकरी की वास्तविक ऑफर दिखाने के लिए, उन्होंने कथित तौर पर न्यूज पेपर्स में नकली एड दिए. उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि अमेरिका का श्रम विभाग का कानून कहता है कि कोई भी नौकरी पहले अमेरिकियों को ऑफर होनी चाहिए. एक बार जब उन्हें मंजूरी मिल गई, तो उन्होंने अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों के पास याचिका दायर की और वीजा चाहने वालों की ओर से ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया.

उन पर इन वीजा चाहने वालों से पैसे लेने और फिर नौकरियों को वैध दिखाने के लिए नकली वेतन के रूप में इसका कुछ हिस्सा वापस करने का भी आरोप लगाया गया है. मुर्शिद और नासिर 23 मई को अदालत में पेश हुए. सरकार ने कहा है कि मुकदमे तक उन्हें हिरासत में रखा जाए. 30 मई को सुनवाई तय है. दोषी पाए जाने पर दोनों व्यक्तियों को 20 साल तक की जेल हो सकती है. मुर्शिद अपनी अमेरिकी नागरिकता भी खो सकता है.

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