
पाकिस्तान का उग्रवादी अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) एक बार फिर ट्रेन हाइजैक करने के बाद चर्चा में आ गया है. बीएलए ने मंगलवार को 450 यात्रियों को ले जा रही एक यात्री ट्रेन पर हमला कर दिया और 100 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया. इसमें कई सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं. इस ऑपरेशन में 6 सुरक्षाकर्मियों की भी मौत हो गई है. अब बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. साथ ही सभी बलूच राजनीतिक कैदियों और जबरन गायब हुए लोगों को रिहा करने की मांग की थी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जाफर एक्सप्रेस की नौ बोगियों में लगभग 450 यात्री सवार थे. यह ट्रेन दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी उस पर गोलीबारी की गई.
आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये बलूच लिबरेशन आर्मी यानी बीएलएल क्या है? जिसने पाकिस्तान को बड़ी टेंशन दे दी है. क्या है इसका इतिहास और क्या है इसकी मांगे?

बीएलए का मकसद बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद करना है. यह पाकिस्तानी सरकार पर बलूचिस्तान के विशाल प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने और क्षेत्र में गंभीर मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएलए को बलूचिस्तान में सक्रिय सबसे बड़ा सशस्त्र समूह माना जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि बीएलए के कई हजार सदस्य हैं.
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) 25 साल से अधिक समय से सक्रिय है और ज्यादातर छोटे हमले करता रहा है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में इसने पाकिस्तान में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है.

बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए), बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ), बलूच राजी आजोई संगर (बीआरएएस) और अन्य संगठनों ने कथित तौर पर सैन्य बलों, बुनियादी ढांचे और राज्य सहयोगियों को निशाना बनाकर सैकड़ों हमले किए.

सामूहिक रूप से, इन ग्रुप्स ने 938 हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप 1002 से अधिक मौतें, 689 घायल और कम से कम 546 संपत्ति को नुकसान पहुंचा.
2024 में बीएलए सबसे सक्रिय ग्रुप बना रहा, जिसने 302 हमले किए, जिनमें कथित तौर पर 580 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जबकि 370 से अधिक घायल हुए. कम से कम 171 हमलों में संपत्ति को नुकसान पहुंचा.


बीएलए ने कहा कि मजीद ब्रिगेड ने 2024 में छह बड़े ऑपरेशन किए, जिससे कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना को काफी नुकसान हुआ.
बीएलए को पाकिस्तान, ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है.
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