
पाकिस्तान की करतूत से पूरी दुनिया को वाकिफ कराने भारत ने अपने नेताओं को दुनिया के कोने-कोने में भेज दिया है. एक ऐसे ही सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका से दुनिया को संदेश दिया कि भारत अपने ऊपर हमला करने वाली बुरी ताकतों के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा. उन्होंने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खतरे के खिलाफ आपसी एकजुटता और ताकत के साथ खड़े होने का आह्वान किया. वहीं बहरीन गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब तक पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों को बढ़ावा देना, सहायता करना और प्रायोजित करना बंद नहीं करता, तब तक आतंकवाद की समस्या दूर नहीं होगी.”
“पाकिस्तान को हमने बहुत मौके दे दिए”- शशि थरूर
शशि थरूर ने अपनी बात 9/11 मेमोरियल (स्मारक) के बाहर मीडिया से बात करते हुए रखी. मिस्टर थरूर ने कहा कि 9/11 स्मारक का दौरा इस बात की गंभीर याद दिलाता है कि कैसे अमेरिका की तरह भारत भी आतंकवाद का शिकार रहा है. "यह स्पष्ट रूप से हमारे लिए एक बहुत ही भावुक क्षण था, लेकिन इसका मतलब एक बहुत मजबूत संदेश देना भी था कि हम यहां एक ऐसे शहर में हैं जो अभी भी हमारे देश में एक और आतंकवादी हमले के बाद उस क्रूर आतंकवादी हमले के निशान को सहन कर रहा है... हम याद दिलाने आए है कि यह एक साझा समस्या है, लेकिन साथ ही हम पीड़ितों (9/11 हमले के) के साथ एकजुटता की भावना से भी आए हैं, जिसमें भारतीय भी शामिल हैं... यह एक वैश्विक समस्या है... हमें एकजुट होकर इससे लड़ना चाहिए"
शशि थरूर ने यह साफ किया भी भारत ने पाकिस्तान को बहुत मौके दे दिए हैं. उन्होंने कहा, "जनवरी, 2015 में, भारतीय एयर बेस पर हमला हुआ था, और हमारे प्रधान मंत्री ने उसके पिछले महीने ही पाकिस्तान का दौरा किया था... इसलिए जब ऐसा हुआ, तो वह इतने आश्चर्यचकित हुए कि उन्होंने वास्तव में पाकिस्तानी प्रधान मंत्री को फोन किया और कहा, आप जांच में शामिल क्यों नहीं होते? आइए तय करें कि यह कौन कर रहा है... इस विचार के साथ भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान के हॉरर की कल्पना करें क्योंकि वहां पाकिस्तानी जांचकर्ता भारतीय वायुमार्ग से आने वाले थे, लेकिन, लेकिन वे आए और वे पाकिस्तान वापस चले गए और कहा कि भारतीयों ने ही यह खुद के साथ किया... मुझे हमारे लिए डर है, 2015 उनके पास विहेव करने, सहयोग करने, वास्तव में यह दिखाने का आखिरी मौका था कि वे आतंक को खत्म करने के बारे में गंभीर थे, जैसा कि उन्होंने हर बार दावा किया था कि वे थे.”
शशि थरूर ने यह भी साफ किया कि भारत का पहला लक्ष्य पाकिस्तान के साथ जंग का नहीं है लेकिन संप्रभूता की रक्षा के लिए ऐसा करना पड़ा तो करेंगे. उन्होंने कहा, "हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध में कोई दिलचस्पी नहीं है. हम अपनी इकनॉमी को बढ़ाने और अपने लोगों को उस दुनिया में ले जाने के लिए अकेले रहना पसंद करेंगे, जिसके लिए वे 21वीं सदी में तैयार हो रहे हैं. लेकिन, दुख की बात है कि पाकिस्तानी, हम यथास्थितिवादी शक्ति हो सकते हैं, लेकिन वे नहीं हैं... वे भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र की लालसा रखते हैं, और वे इसे किसी भी कीमत पर हासिल करना चाहते हैं. यदि वे इसे पारंपरिक तरीकों से प्राप्त नहीं कर सकते हैं, तो वे इसे आतंकवाद के माध्यम से प्राप्त करने के लिए तैयार हैं, और यह स्वीकार्य नहीं है..."
"जैसा कि आप जानते हैं, मैं सरकार के लिए काम नहीं करता. मैं एक विपक्षी पार्टी के लिए काम करता हूं...मैंने खुद एक ऑप-एड लिखा है... जिसमें कहा गया है कि कड़ा प्रहार करने का समय आ गया है, लेकिन होशियारी से प्रहार करने का. मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत ने बिल्कुल यही किया... 9 खास ज्ञात आतंकवादी ठिकानों, मुख्यालयों और लॉन्चपैडों पर बहुत सटीक और कैलिब्रेटेड हमले हुए..."
गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शांभवी चौधरी (लोक जनशक्ति पार्टी), सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जीएम हरीश बलयागी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी, तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर के लता (सभी भाजपा से), मल्लिकार्जुन देवदा (शिवसेना) और अमेरिका में पूर्व भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं.
प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने पर भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ रुख पेश करेगा. वे अपने प्रचार के दौरान वैश्विक समुदाय तक आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता का भारत का मजबूत संदेश पहुंचाएंगे.
गंभीर उकसावे के बावजूद भारत ने बार-बार संयम बरता- ओवैसी
AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. उन्होंने बहरीन में प्रमुख हस्तियों के साथ बातचीत के दौरान पाकिस्तान को "विफल राज्य" कहा. बातचीत के दौरान ओवैसी ने कहा, "हमारी सरकार ने हमें यहां भेजा है...ताकि दुनिया को पता चले कि भारत पिछले कई सालों से किस खतरे का सामना कर रहा है. दुर्भाग्य से, हमने कई निर्दोष लोगों की जान गंवाई है. यह समस्या केवल पाकिस्तान से उत्पन्न होती है. जब तक पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों को बढ़ावा देना, सहायता करना और प्रायोजित करना बंद नहीं करता, तब तक यह समस्या दूर नहीं होगी."
ओवेसी ने कहा कि गंभीर उकसावे के बावजूद भारत ने बार-बार अधिकतम संयम बरता है. पहलगाम हमले को याद करते हुए जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे, उन्होंने आतंकवाद की मानवीय कीमत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "कृपया इस नरसंहार की मानवीय त्रासदी पर विचार करें. छह दिन पहले शादी करने वाली एक महिला सातवें दिन विधवा हो गई. दो महीने पहले ही शादी करने वाली एक अन्य महिला ने भी इस हमले में अपने पति को खो दिया."
य न्यायाधीश ने ट्रंप प्रशासन के प्रतिबंध को अस्थायी रूप से रोक दिया है.
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