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500 में लोकेशन, 2000 में कॉल डिटेल्स… पाकिस्तान में हजारों सिम का डेटा लीक! खुद गृह मंत्री नहीं बचें

पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि गृह मंत्री नकवी समेत हजारों सिम होल्डर्स का डेटा गूगल पर बेचा जा रहा था.

500 में लोकेशन, 2000 में कॉल डिटेल्स… पाकिस्तान में हजारों सिम का डेटा लीक! खुद गृह मंत्री नहीं बचें
  • पाकिस्तान में हजारों सिम कार्ड्स का डेटा गूगल पर सस्ते दामों पर बेचा जा रहा है, लोकेशन और कॉल डिटेल्स शामिल.
  • गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने जांच के लिए दो सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने वाली विशेष जांच टीम गठित की है.
  • पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी ने संबंधित वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया, लेकिन गैरकानूनी डेटा बिक्री अभी जारी.
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पूरे पाकिस्तान को एक बड़े डेटा लीक ने हिला कर रख दिया है. पाकिस्तान में हजारों सिम का डेटा 500 पाकिस्तानी रूपए तक के मामूली दाम पर गूगल पर बेचा जा रहा है. शातिरों ने खुद पाकिस्तान के गृह मंत्री तक को नहीं बख्शा है उनके मोबाइल का डेटा भी लीक कर दिया गया है. कई केंद्रीय मंत्रियों और अधिकारियों का डेटा बेचा जा रहा है. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने मोबाइल फोन सिम डेटा लीक होने की खबर पर तत्काल संज्ञान लिया है और दो हफ्ते के भीतर मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है.

पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि गृह मंत्री नकवी समेत हजारों सिम होल्डर्स का डेटा गूगल पर बेचा जा रहा था. रिपोर्ट के अनुसार इन मोबाइल के लोकेशन की जानकारी 500 रुपये में, मोबाइल डेटा रिकॉर्ड 2,000 रुपये में और विदेश यात्राओं की जानकारी 5,000 रुपये में बेची जा रही थी. यानी मामूली पैसा देकर आम आदमी से लेकर पाकिस्तान सरकार के मंत्रियों तक के कॉल डिटेल्स से लेकर उनके आईडी डॉक्यूमेंट्स तक बांटे जा रहे हैं.

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को यहां के गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है, "गृह मंत्री के निर्देशों के बाद, नेशनल साइबर क्राइम जांच एजेंसी ने मामले की जांच करने और 14 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है."

इस टीम को डेटा लीक के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उनपर तुरंत कानूनी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (पीटीए) ने पहले घोषणा की थी कि उसने इन वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है. लेकिन इसके बावजूद ये गैरकानूनी व्यापार रुकने का कोई संकेत नहीं मिल रहा. रिपोर्टों के अनुसार, कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म संवेदनशील डेटा बेचते रहते हैं, जिससे लोगों को अपराधियों द्वारा परेशान किए जाने, ब्लैकमेल किए जाने और निशाना बनाए जाने का खतरा रहता है.

डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल मई में भी नेशनल साइबर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (पीकेसीईआरटी) ने एक चेतावनी जारी की थी कि पाकिस्तान में 18 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स के लॉगिन क्रेडेंशियल और पासवर्ड चोरी हो गए थे. पाकिस्तान के लोगों से तुरंत पासवर्ड बदलने को कहा गया था.

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