संयुक्त राष्ट्र:
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा फिर से उठाते हुए सांसदों के वैश्विक सम्मेलन में कहा कि इस विश्व निकाय के तहत कश्मीरी लोगों के लिए जनमत संग्रह का यही समय है।
पाकिस्तानी नेशनल असेंबली के कार्यवाहक स्पीकर मुर्तजा जावेद अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र में चौथे विश्व स्पीकर सम्मेलन में मंगलवार को कहा, 'लंबित विवाद इस क्षेत्र में बने हुए हैं जो इसे अपनी बेहतरीन आर्थिक और सामाजिक क्षमता को हकीकत में तब्दील करने से रोक रहे हैं। इन विवादों में सबसे आगे जम्मू-कश्मीर का विवाद है।'
उन्होंने कहा कि कश्मीर एक 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त' विवादित क्षेत्र है जैसा कि संयुक्त राष्ट्र के कई प्रस्तावों में लिखा गया है। अब्बासी ने कहा, 'कश्मीरी लोगों ने अपने इंसाफ और आत्मनिर्णय के वाजिब हक के लिए बहुत लंबा इंतजार किया है।'
उन्होंने कहा, 'दक्षिण एशिया में शांति न सिर्फ क्षेत्र के लोगों के लिए बल्कि पूरे विश्व के नागरिकों के लिए जरूरी है।' अब्बासी ने कहा, 'यह समय है कि उनको संयुक्त राष्ट्र के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष जनमत संग्रह के जरिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने दिया जाए।'
उन्होंने कहा कि शांति और रचनात्मक माहौल की अनुपस्थिति में कभी भी तरक्की हासिल नहीं हो सकती तथा शांति एवं सुरक्षा मुख्य रूप से आर्थिक और सामाजिक विकास से जुड़े हुए हैं। नेशनल असेंबली के कार्यवाहक स्पीकर ने कहा, 'विकास की शून्यता में शांति को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता और प्रगति एवं विकास के बिना कोई स्थायी शांति नहीं हो सकती।'
अब्बासी ने दो दशक से वैश्विक आतंकवाद का सामना कर पाकिस्तान के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, 'हम इस समस्या को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बहरहाल, दुनिया को आतंकवाद की बुनियादी वजह को हल करना है।' अब्बासी ने कहा, 'दक्षिण एशिया पर्यावरण के लिहाज से दुनिया का सबसे संवेदनशील क्षेत्र है। इस चुनौती का समाधान करने के लिए यह जरूरी है कि दक्षिण एशिया के राजनीतिक माहौल का भी निवारण किया जाए।'
पिछले महीने पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए इस विश्व निकाय और इस्लामी देशों के संगठन से इस मुद्दे के समाधान में मध्यस्थता की मांग की थी।
पाकिस्तानी नेशनल असेंबली के कार्यवाहक स्पीकर मुर्तजा जावेद अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र में चौथे विश्व स्पीकर सम्मेलन में मंगलवार को कहा, 'लंबित विवाद इस क्षेत्र में बने हुए हैं जो इसे अपनी बेहतरीन आर्थिक और सामाजिक क्षमता को हकीकत में तब्दील करने से रोक रहे हैं। इन विवादों में सबसे आगे जम्मू-कश्मीर का विवाद है।'
उन्होंने कहा कि कश्मीर एक 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त' विवादित क्षेत्र है जैसा कि संयुक्त राष्ट्र के कई प्रस्तावों में लिखा गया है। अब्बासी ने कहा, 'कश्मीरी लोगों ने अपने इंसाफ और आत्मनिर्णय के वाजिब हक के लिए बहुत लंबा इंतजार किया है।'
उन्होंने कहा, 'दक्षिण एशिया में शांति न सिर्फ क्षेत्र के लोगों के लिए बल्कि पूरे विश्व के नागरिकों के लिए जरूरी है।' अब्बासी ने कहा, 'यह समय है कि उनको संयुक्त राष्ट्र के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष जनमत संग्रह के जरिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने दिया जाए।'
उन्होंने कहा कि शांति और रचनात्मक माहौल की अनुपस्थिति में कभी भी तरक्की हासिल नहीं हो सकती तथा शांति एवं सुरक्षा मुख्य रूप से आर्थिक और सामाजिक विकास से जुड़े हुए हैं। नेशनल असेंबली के कार्यवाहक स्पीकर ने कहा, 'विकास की शून्यता में शांति को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता और प्रगति एवं विकास के बिना कोई स्थायी शांति नहीं हो सकती।'
अब्बासी ने दो दशक से वैश्विक आतंकवाद का सामना कर पाकिस्तान के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, 'हम इस समस्या को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बहरहाल, दुनिया को आतंकवाद की बुनियादी वजह को हल करना है।' अब्बासी ने कहा, 'दक्षिण एशिया पर्यावरण के लिहाज से दुनिया का सबसे संवेदनशील क्षेत्र है। इस चुनौती का समाधान करने के लिए यह जरूरी है कि दक्षिण एशिया के राजनीतिक माहौल का भी निवारण किया जाए।'
पिछले महीने पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए इस विश्व निकाय और इस्लामी देशों के संगठन से इस मुद्दे के समाधान में मध्यस्थता की मांग की थी।
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