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गिलानी ने कोर्ट से कहा है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को संविधान के आधार पर आपराधिक मामलों से छूट मिली हुई है इसीलिए उन्होंने स्विस बैंक को चिट्ठी नहीं लिखी।
गिलानी ने कोर्ट से कहा है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को संविधान के आधार पर आपराधिक मामलों से छूट मिली हुई है इसीलिए उन्होंने स्विस बैंक को चिट्ठी नहीं लिखी। गिलानी ने कहा कि कोर्ट की अवमानना करने की कभी सोच भी नहीं सकते क्योंकि वह कोर्ट का सम्मान करते हैं। इस पर कोर्ट ने गिलानी से सवाल किया कि अगर राष्ट्रपति को छूट हासिल है तो ये बात कोर्ट को बताते खुद ही चिट्ठी न लिखने का फैसला क्यों कर लिया। बाद में कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी। अब एक फरवरी को अगली सुनवाई होगी लेकिन उस दिन कोर्ट ने गिलानी को हाजिर न होने की छूट दे दी है।
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