
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को पाकिस्तानियों को चेतावनी दी कि वे जिहाद के लिए कश्मीर नहीं जाएं क्योंकि इससे कश्मीरियों को नुकसान पहुंचेगा. खान ने कहा, ‘यदि पाकिस्तान से कोई जिहाद के लिए भारत जाएगा...तो वह कश्मीरियों के साथ अन्याय करने वाला पहला व्यक्ति होगा, वह कश्मीरियों का दुश्मन होगा.' खान ने दावा किया कि भारत को कश्मीर के लोगों पर कार्रवाई करने के लिए महज एक बहाने की जरूरत है. पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर स्थिति तोरखाम टर्मिनल का उद्घाटन करने के बाद खान ने यह कहा.
उन्होंने एक बार फिर से दावा किया कि भारत कश्मीर से ध्यान भटकाने के लिए ‘फॉल्स फ्लैग' (झूठा आरोप लगा कर कोई) अभियान शुरू कर सकता है. खान की अमेरिका की अहम यात्रा से पहले कश्मीर में जिहादी गतिविधियों को हतोत्साहित करने वाला उनका यह बयान आया है. अपनी इस यात्रा के दौरान वह संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे.
खान ने कहा कि कि अगले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सत्र में वह कश्मीर मुद्दा इतने जोरदार तरीके से उठाएंगे कि जैसा पहले कभी नहीं हुआ होगा. रेडियो पाकिस्तान की खबर के मुताबिक खान ने कहा कि भारत के साथ वार्ता तब तक नहीं हो सकती, जब तक कि वह (नयी दिल्ली) कश्मीर में कर्फ्यू नहीं हटा लेता है और अनुच्छेद 370 हटाने के अपने फैसले को रद्द नहीं कर देता है. नियंत्रण रेखा की ओर कुछ राजनीतिक दलों और धार्मिक पार्टियों की एक प्रस्तावित यात्रा इस हफ्ते की शुरूआत में स्थगित कर दी गई थी. दरअसल, खान ने उनसे कहा था कि 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनके संबोधन तक इसे टाल दिया जाए.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत द्वारा पांच अगस्त को रद्द कर दिये जाने के बाद भारत और पाक के बीच तनाव बढ़ गया. कश्मीर पर नयी दिल्ली के कदम पर प्रतिक्रिया करते हुए पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों का दर्जा कम कर दिया और भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया.
खान ने यह दावा भी किया कि सिंध प्रांत के घोटकी में एक हिंदू मंदिर पर हमला उनके संयुक्त राष्ट्र महासभा संबोधन में खलल डालने की एक साजिश है. उन्होंने कहा, ‘घोटकी में जो कुछ हुआ उसकी मैं निंदा करता हूं.' अफगानिस्तान के विषय पर खान ने कहा कि इस पड़ोसी देश (अफगानिस्तान) के साथ रूकी पड़ी शांति प्रकिया को बहाल करने के लिए पाकिस्तान अपनी पुरजोर कोशिश करेगा.
प्रधानमंत्री खान ने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ सोमवार को न्यूयार्क में अपनी बैठक के दौरान शांति प्रक्रिया बहाल करने पर जोर देंगे. उन्होंने कहा कि यदि वार्ता फिर से शुरू नहीं होती है और अफगान चुनावों में तालिबान हिस्सा नहीं लेता है तो यह एक त्रासदी होगी. दरअसल, कुछ दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि तालिबान के साथ वार्ता बंद हो गई है. इसके बाद इस बारे में खान का यह बयान आया है.
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