अफगान बलों और आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) के बीच बड़े पैमाने पर हो रही लड़ाई के बीच, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान (Pak PM Imran Khan) ने कहा है कि जब तक अशरफ गनी (Ashraf Ghani) देश के राष्ट्रपति बने रहेंगे, तब तक आतंकवादी समूह अफगानिस्तान सरकार से बात नहीं करेगा.
इस्लामाबाद में विदेशी पत्रकारों से बात करते हुए इमरान खान ने कहा कि मौजूदा हालात में राजनीतिक समझौता मुश्किल दिख रहा है. पाकिस्तान के द न्यूज इंटरनेशनल ने इमरान खान के हवाले से कहा, "मैंने तीन से चार महीने पहले तालिबान को मनाने की कोशिश की थी, जब वे यहां आए थे."
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पीएम खान ने कहा कि तालिबान की शर्त यह है कि जब तक अशरफ गनी हैं, तब तक वह (तालिबान) अफगान सरकार से बात नहीं करेंगे. अफगान सरकार क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ाने के लिए इस्लामाबाद की आलोचना करती रही है क्योंकि काबुल का मानना है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में हिंसा को बढ़ाने में तालिबान की सहायता करता है.
हाल ही में अफगानिस्तान के लोगों ने देश के बिगड़ते हालात के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए सोशल मीडिया पर एक अभियान शुरू किया था. तालिबान द्वारा देश में बढ़ती हिंसा के कारण, स्थिति बुरी तरह बिगड़ रही है क्योंकि आतंकवादी समूह सरकार से कई क्षेत्रों पर कब्जा करने के बाद लोगों को लूट रहा है और नागरिकों को मार रहा है.
पिछले साल फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद अमेरिकी सेना बड़ी संख्या में अफगानिस्तान से वापस होने लगी. इसके तुरंत बाद तालिबान ने अफगान बलों के खिलाफ अपना आक्रमण तेज कर दिया.
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