
- पाकिस्तानी मूल के उमर को इंग्लैंड में स्कूल के अंदर चाकू से 15 साल के छात्र की हत्या करने के लिए उम्रकैद
- जज ने फैसला सुनाया कि पैरोल पर विचार करने से पहले उमर खान को कम से कम 16 साल सलाखों के पीछे बिताने होंगे
- घटना के एक सप्ताह पहले ही स्कूल में दोनों लड़कों के बीच झगड़ा हो गया था
ब्रिटेन में जन्मे पाकिस्तानी मूल के एक स्कूली छात्र को इंग्लैंड में अपने स्कूल के अंदर ही चाकू से 15 साल के छात्र की हत्या करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. यह स्कूल उत्तरी इंग्लैंड के शेफील्ड में है. हत्या के दोषी छात्र की उम्र भी 15 साल ही है और उसका नाम मोहम्मद उमर खान है. उमर खान की पहचान साउथ यॉर्कशायर पुलिस ने अब सार्वजनिक कर दी है. इसकी वजह है कि जस्टिस नाओमी एलेनबोजेन उसकी उम्र के कारण उनकी पहचान सार्वजनिक नहीं करके पर लगे बैन को हटा दिया है.
शेफील्ड क्राउन कोर्ट में जज ने फैसला सुनाया कि पैरोल पर विचार करने से पहले उमर खान को कम से कम 16 साल सलाखों के पीछे बिताने होंगे. जज ने इस बात की भी निंदा की कि उमर खान को "हथियारों में लंबे समय से रुचि" है. साथ यॉर्कशायर पुलिस के वरिष्ठ जांच अधिकारी, डिटेक्टिव चीफ इंस्पेक्टर (DCI) एंडी नोल्स ने कहा, "इस मुकदमे के दौरान यह पता चला कि खान को यह गलत विश्वास था कि चाकू ले जाने से वह सुरक्षित हो जाएगा, या इससे उसे किसी प्रकार का दर्जा मिलेगा."
जूरी ने सुना कि कैसे घटना के एक सप्ताह पहले ही स्कूल में दोनों लड़कों के बीच झगड़ा हो गया था. उमर खान खुद को निर्दोष बताते हुए हत्या से इनकार करता रहा लेकिन अगस्त में जूरी ने उसे दोषी पाया. जज ने बुधवार को कहा, "हार्वे का परिवार उस दिन की घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज से परेशान है, और अपने जीवन में उस आघात से थक गया है जिसमें उसकी अनुपस्थिति हर दिन महसूस होती है."
उमर खान ने पहले स्कूल कैंपस में एक ब्लेड वाली वस्तु रखने की बात स्वीकार की थी. अदालत में अपनी गवाही में, खान ने दावा किया कि वह खुद को बचाने के लिए चाकू ले गया था जिसका इस्तेमाल उसने हार्वे की हत्या करने के लिए किया था. वो चाकू इसलिए ले गया था क्योंकि उसे लगता था कि दूसरों से उसकी सुरक्षा को खतरा है.