
- नॉर्थ कोरिया ने दो हाइपरसोनिक मिसाइलों का सफल परीक्षण कर अपनी नई अत्याधुनिक हथियार प्रणाली का प्रदर्शन किया
- मिसाइलें पूर्वोत्तर दिशा में दागी गईं और निर्धारित टारगेट पर सटीकता से पहुंचीं
- नॉर्थ कोरिया यह परिक्षण तब कर रह है जब कुछ दिन में ट्रंप साउथ कोरिया, जापान और मलेशिया का दौरा करने वाले हैं
नॉर्थ कोरिया के तानाशान किम जोंग ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उन्हें किसी का डर नहीं है. कुछ दिन में ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मलेशिया में आसियान समिट में भाग लेने के साथ साथ जापान और साउथ कोरिया जाना है और उधर नॉर्थ कोरिया ने गुरुवार को दो हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया. नॉर्थ कोरिया ने इसे एक नई "महत्वपूर्ण" हथियार प्रणाली बताया और कहा कि ये "अत्याधुनिक" मिसाइलें नॉर्थ कोरिया को मजबूत करती हैं क्योंकि इसे देखकर ही कोई उसपर हमला नहीं करेगा.
कोरिया की सरकारी सेंट्रल न्यूज एजेंसी KCNA ने कहा कि प्योंगयांग के रयोकफो जिले से पूर्वोत्तर दिशा की ओर फायर किए गए दो हाइपरसोनिक प्रोजेक्टाइल ने उत्तरी हामग्योंग प्रांत के ओरंग काउंटी में क्वेसांग पीक के टेबललैंड पर लक्ष्य बिंदु (टारगेट प्वाइंट) पर जाकर हमला किया. इस एजेंसी ने बताया कि यह मिसाइल नॉर्थ कोरियाई सरकार द्वारा एक दिन पहले ही पिछले टेस्ट किए गए एक रक्षा क्षमता विकास कार्यक्रम का हिस्सा थी. इसका उद्देश्य संभावित दुश्मनों के खिलाफ अपनी रणनीतिक निरोध की स्थिरता और प्रभावशीलता को बढ़ाना है.
खास बात यह है कि नॉर्थ कोरिया के तानाशाह नेता किम जोंग-उन बुधवार के परीक्षण में मौजूद नहीं थे. वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया (डब्ल्यूपीके) की केंद्रीय समिति के सचिव पाक जोंग-चोन और अन्य अधिकारियों ने प्रक्षेपण का निरीक्षण किया. इन खतरानाक मिसाइलों के परिक्षण की टाइमिंग भी अहम है. योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जून में साउथ कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग के पदभार संभालने के बाद इन बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रक्षेपण अपनी तरह का पहला और लगभग पांच महीनों में पहला बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण था.
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