पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आतंकवाद के मामलों में मौत की सजा पर लगी पाबंदी को हटा दिया है। इसके बाद जिन आतंकियों को मौत की सजा मिली हुई है, उन्हें ये सज़ा दी जा सकेगी। पेशावर के स्कूल पर हुए हमले के मद्देनजर नवाज शरीफ ने यह फैसला किया है। पेशावर में सभी दलों की बैठक से पहले ये ऐलान किया गया।
पाकिस्तान में करीब आठ हज़ार दोषियों को मौत की सजा मिली हुई है, इनमें भी करीब दस फीसदी यानी 800 के करीब ऐसे हैं, जिन्हें आतंकवादी वारदात के दोष में मौत की सजा सुनाई गई है। अगले 48 घंटे के अंदर इन सभी के ब्लैक वारंट जारी करने का आदेश दिया गया है।
2008 में पाकिस्तान सरकार ने आतंकवाद से जुड़े मामलों में मौत की सजा पर पाबंदी लगा दी थी, जिसे नवाज शरीफ सरकार ने हटा दिया है। मंगलवार को हुए हमले के बाद पाकिस्तान में ये चिंता जताई जा रही थी कि आतंकियों को मौत की सजा न दिए जाने की वजह से उनके हौसले बढ़े हुए हैं और वे ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
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