लाहौर:
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक आदमी ने अपनी बेटी से बलात्कार करने के बाद उसे जहर देकर जान से मार दिया। इस घटना की जानकारी रविवार को पुलिस ने दी।
यह घटना गुजरात जिले के नावन कोट गांव में कुछ दिन पहले हुई। यह गांव लाहौर से 125 किलोमीटर दूर है। लड़की के परिवार ने इस घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी और स्थानीय कब्रिस्तान में गुप्त रूप से उसे दफना दिया।
यह मामला तब प्रकाश में आया, जब लड़की की सहेली सोबिया अमान ने लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इस घटना की सूचना देने के लिए पत्र लिखा। मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने गुजरात के जिला और सत्रीय जजों को मामले की जांच करके पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी और अपनी टिप्पणियों वाली एक रिपोर्ट 15 दिन के भीतर जमा कराने के निर्देश दिए।
पत्र में अमान ने कहा था कि उसकी सहेली का पिता सफदार हुस्सैन अपनी बेटी का यौन उत्पीड़न करता था। पीड़िता ने अपनी मां, भाई और दादी को बलात्कार के बारे में बताया था, लेकिन उन्होंने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया था।
पत्र में कहा गया, आखिरकर वह अपना घर छोड़कर लाहौर के गुलशन-ए-रवि में रहने लगी। वहां उसके संबंधियों ने उससे संपर्क करके उसे आश्वासन दिया कि ऐसा दोबारा कभी नहीं होगा। अमान ने कहा कि 30 मई को पीड़िता घर वापस गई, लेकिन 2 जून को उसके पिता ने उसे जहर देकर मार डाला।
यह घटना गुजरात जिले के नावन कोट गांव में कुछ दिन पहले हुई। यह गांव लाहौर से 125 किलोमीटर दूर है। लड़की के परिवार ने इस घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी और स्थानीय कब्रिस्तान में गुप्त रूप से उसे दफना दिया।
यह मामला तब प्रकाश में आया, जब लड़की की सहेली सोबिया अमान ने लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इस घटना की सूचना देने के लिए पत्र लिखा। मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने गुजरात के जिला और सत्रीय जजों को मामले की जांच करके पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी और अपनी टिप्पणियों वाली एक रिपोर्ट 15 दिन के भीतर जमा कराने के निर्देश दिए।
पत्र में अमान ने कहा था कि उसकी सहेली का पिता सफदार हुस्सैन अपनी बेटी का यौन उत्पीड़न करता था। पीड़िता ने अपनी मां, भाई और दादी को बलात्कार के बारे में बताया था, लेकिन उन्होंने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया था।
पत्र में कहा गया, आखिरकर वह अपना घर छोड़कर लाहौर के गुलशन-ए-रवि में रहने लगी। वहां उसके संबंधियों ने उससे संपर्क करके उसे आश्वासन दिया कि ऐसा दोबारा कभी नहीं होगा। अमान ने कहा कि 30 मई को पीड़िता घर वापस गई, लेकिन 2 जून को उसके पिता ने उसे जहर देकर मार डाला।
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