इस्लामाबाद:
पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन की तीन विधवाओं सहित परिवार के 14 सदस्यों को सऊदी अरब निर्वासित कर दिया है। लादेन के मारे जाने के एक साल पूरे होने के कुछ दिन पहले यह कदम उठाया गया है।
कड़ी सुरक्षा के बीच आधी रात के वक्त परिवार को रावलपिंडी के चकलाला सैन्य एयरबेस ले जाया गया, जहां एक विशेष सऊदी विमान लादेन की पत्नी और बच्चों का इंतजार कर रहा था। सुरक्षा एजेंसियों ने इस्लामाबाद के सेक्टर जी-छह में एक मिनी बस भेजा था, जहां से उन्हें एयरपोर्ट ले जाया गया। घर पर बड़ी संख्या में जमा हुए पत्रकारों की उपस्थिति के कारण शुरुआत में विधवाओं ने बस में जाने से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने बस की खिड़कियों को प्लास्टिक चादरों से ढक दिया था।
टीवी न्यूज चैनलों की फुटेज में बस की सामने की सीट पर दो महिलाओं को बैठा हुआ देखा गया। लादेन की विधवाओं में दो सऊदी की नागरिक हैं, वहीं तीसरी अमल अब्दुलफतह यमन की नागरिक हैं। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि अदालत के आदेशों के बाद 14 सदस्यीय परिवार (ओसामा बिन लादेन के) को निर्वासित करने का फैसला किया गया है। बयान में कहा गया है, ‘‘परिवार पूरी तरह से सुरक्षित था...उन्हें उनकी इच्छा पर ही सऊदी अरब निर्वासित किया गया है।’
पिछले साल 2 मई को पाकिस्तान के एबेटाबाद में अमेरिकी विशेष बलों ने एक कार्रवाई के दौरान ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। लादेन की विधवा और बच्चों को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में ले लिया था। बाद में उन्हें गृह मंत्रालय के हवाले कर दिया गया था। हाल में एक सिविल कोर्ट ने पाकिस्तान में अवैध तौर पर प्रवेश करने और रहने के आरोप में लादेन की विधवाओं और दो बेटियों को 45 दिन की जेल की सजा सुनाई थी। न्यायाधीश ने जेल की सजा के बाद उन्हें निर्वासित करने का आदेश दिया था। यह सजा 3 मार्च से शुरू हुई, जब परिवार को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया गया था।
निर्वासन के बाद लादेन की विधवाओं और बच्चों के भविष्य को लेकर लग रही अटकलें खत्म होने की संभावना है। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया था कि लादेन के पाकिस्तान में मौजूदगी के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।
कड़ी सुरक्षा के बीच आधी रात के वक्त परिवार को रावलपिंडी के चकलाला सैन्य एयरबेस ले जाया गया, जहां एक विशेष सऊदी विमान लादेन की पत्नी और बच्चों का इंतजार कर रहा था। सुरक्षा एजेंसियों ने इस्लामाबाद के सेक्टर जी-छह में एक मिनी बस भेजा था, जहां से उन्हें एयरपोर्ट ले जाया गया। घर पर बड़ी संख्या में जमा हुए पत्रकारों की उपस्थिति के कारण शुरुआत में विधवाओं ने बस में जाने से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने बस की खिड़कियों को प्लास्टिक चादरों से ढक दिया था।
टीवी न्यूज चैनलों की फुटेज में बस की सामने की सीट पर दो महिलाओं को बैठा हुआ देखा गया। लादेन की विधवाओं में दो सऊदी की नागरिक हैं, वहीं तीसरी अमल अब्दुलफतह यमन की नागरिक हैं। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि अदालत के आदेशों के बाद 14 सदस्यीय परिवार (ओसामा बिन लादेन के) को निर्वासित करने का फैसला किया गया है। बयान में कहा गया है, ‘‘परिवार पूरी तरह से सुरक्षित था...उन्हें उनकी इच्छा पर ही सऊदी अरब निर्वासित किया गया है।’
पिछले साल 2 मई को पाकिस्तान के एबेटाबाद में अमेरिकी विशेष बलों ने एक कार्रवाई के दौरान ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। लादेन की विधवा और बच्चों को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में ले लिया था। बाद में उन्हें गृह मंत्रालय के हवाले कर दिया गया था। हाल में एक सिविल कोर्ट ने पाकिस्तान में अवैध तौर पर प्रवेश करने और रहने के आरोप में लादेन की विधवाओं और दो बेटियों को 45 दिन की जेल की सजा सुनाई थी। न्यायाधीश ने जेल की सजा के बाद उन्हें निर्वासित करने का आदेश दिया था। यह सजा 3 मार्च से शुरू हुई, जब परिवार को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया गया था।
निर्वासन के बाद लादेन की विधवाओं और बच्चों के भविष्य को लेकर लग रही अटकलें खत्म होने की संभावना है। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया था कि लादेन के पाकिस्तान में मौजूदगी के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।
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