व्हाइट हाउस में एक दीवार पर ओसामा बिन लादेन को मार गिराने वाले दिन के समाचारपत्रों की कतरनें चिपकाई गई हैं
इस्लामाबाद:
दुनिया में सबसे कुख्यात आतंकवादी सरगना ओसामा बिन लादेन को ढूंढकर मार गिराने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की कथित रूप से मदद करने वाले डॉक्टर को न जेल से रिहा किया जाएगा, न अमेरिका को सौंपा जाएगा. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह बात पाकिस्तान के कानून मंत्री ने बुधवार को सांसदों से कही.
मई, 2011 में उत्तरी पाकिस्तान के ऐबटाबाद में एक घर पर छिपकर किए गए हमले में अमेरिकी फौज ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था, और उसके बाद ही पाकिस्तान ने अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से 'हीरो' जैसा सम्मान हासिल करने वाले डॉ शकील आफरीदी को गिरफ्तार कर लिया था. वैसे, इस घटना के बाद रणनीतिक साझीदार रहे दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी.
पाकिस्तान ने डॉ शकील आफरीदी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने नकली वैक्सीनेशन अभियान चलाकर डीएनए सैम्पल इकट्ठा किए, और ओसामा बिन लादेन की पहचान पुख्ता करने में अमेरिकी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) की मदद की.
डॉ शकील आफरीदी को ओसामा बिन लादेन को मार गिराए जाने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर इस्लामी आतंकवादियों से ताल्लुकात का आरोप लगाया गया था, जिसका डॉ आफरीदी ने खंडन किया था.
समाचारपत्र 'डेली टाइम्स' ने बताया कि डॉ शकील आफरीदी की संभावित रिहाई को लेकर एक सांसद द्वारा किए गए सवाल के जवाब में कानून मंत्री ज़ाहिद हमीद ने संसद के उच्च सदन को जानकारी देते हुए कहा, "कानून अपना काम कर रहा है, और आफरीदी को निष्पक्ष सुनवाई का पूरा मौका दिया जा रहा है..."
मंत्री ने कहा, "आफरीदी ने कानून और देशहित के खिलाफ काम किया, और पाकिस्तान सरकार यह बात बार-बार अमेरिका को बताती रही है कि हमारे कानून के मुताबिक उसने अपराध किया है, और अब वह कानून का सामना कर रहा है..."
वर्ष 2012 में डॉ शकील आफरीदी को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम का सदस्य होने का दोषी करार दिया गया, और 33 साल कैद की सज़ा सुनाई गई थी. उस दोषसिद्धि को वर्ष 2013 में पलट दिया गया, लेकिन डॉ आफरीदी पर आठ साल पहले एक मरीज़ के मौत के मामले में हत्या का आरोप लगा दिया गया, जिसकी सुनवाई का इंतज़ार वह जेल में रहकर ही कर रहे हैं.
राजधानी इस्लामाबाद से सिर्फ दो घंटे की दूरी पर स्थित सैन्य इलाके ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के लिए की गई अमेरिकी कार्रवाई से बहुत-से पाकिस्तानियों को बेहद गुस्सा आया था. उधर, पाकिस्तानी अधिकारी ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के लंबे वक्त तक रहने को सुरक्षा खामी बताते रहे हैं, और इस बात से साफ इंकार करते है कि उसे छिपाने में सेना या खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों का कोई हाथ था.
पिछले साल मई में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस समय बेहद कड़े शब्दों में आलोचना की थी, जब उन्होंने कहा था कि वह वह पाकिस्तान से आफरीदी को 'सिर्फ दो मिनट' में रिहा करवा सकते हैं.
वैसे, 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हुए हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी लड़ाई में पाकिस्तान भी शामिल हो गया था, लेकिन अमेरिकी अधिकारी अक्सर पाकिस्तान को अविश्वसनीय साझीदार बताते हैं, जिसने अफगानिस्तान के तालिबान नेतृत्व को पनाह दी, और अमेरिकी अधिकारी यह मांग भी करते रहे हैं कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान से सटी उसकी सीमा पर बसे आतकवादी गुटों के खिलाफ ज़्यादा कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
(रॉयटर के लिए मेहरीन ज़ाहरा-मलिक द्वारा लिखित, क्लैरेंस फर्नांडिज़ द्वारा संपादित)
© Thomson Reuters 2017
मई, 2011 में उत्तरी पाकिस्तान के ऐबटाबाद में एक घर पर छिपकर किए गए हमले में अमेरिकी फौज ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था, और उसके बाद ही पाकिस्तान ने अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से 'हीरो' जैसा सम्मान हासिल करने वाले डॉ शकील आफरीदी को गिरफ्तार कर लिया था. वैसे, इस घटना के बाद रणनीतिक साझीदार रहे दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी.
पाकिस्तान ने डॉ शकील आफरीदी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने नकली वैक्सीनेशन अभियान चलाकर डीएनए सैम्पल इकट्ठा किए, और ओसामा बिन लादेन की पहचान पुख्ता करने में अमेरिकी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) की मदद की.
डॉ शकील आफरीदी को ओसामा बिन लादेन को मार गिराए जाने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर इस्लामी आतंकवादियों से ताल्लुकात का आरोप लगाया गया था, जिसका डॉ आफरीदी ने खंडन किया था.
समाचारपत्र 'डेली टाइम्स' ने बताया कि डॉ शकील आफरीदी की संभावित रिहाई को लेकर एक सांसद द्वारा किए गए सवाल के जवाब में कानून मंत्री ज़ाहिद हमीद ने संसद के उच्च सदन को जानकारी देते हुए कहा, "कानून अपना काम कर रहा है, और आफरीदी को निष्पक्ष सुनवाई का पूरा मौका दिया जा रहा है..."
मंत्री ने कहा, "आफरीदी ने कानून और देशहित के खिलाफ काम किया, और पाकिस्तान सरकार यह बात बार-बार अमेरिका को बताती रही है कि हमारे कानून के मुताबिक उसने अपराध किया है, और अब वह कानून का सामना कर रहा है..."
वर्ष 2012 में डॉ शकील आफरीदी को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम का सदस्य होने का दोषी करार दिया गया, और 33 साल कैद की सज़ा सुनाई गई थी. उस दोषसिद्धि को वर्ष 2013 में पलट दिया गया, लेकिन डॉ आफरीदी पर आठ साल पहले एक मरीज़ के मौत के मामले में हत्या का आरोप लगा दिया गया, जिसकी सुनवाई का इंतज़ार वह जेल में रहकर ही कर रहे हैं.
राजधानी इस्लामाबाद से सिर्फ दो घंटे की दूरी पर स्थित सैन्य इलाके ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के लिए की गई अमेरिकी कार्रवाई से बहुत-से पाकिस्तानियों को बेहद गुस्सा आया था. उधर, पाकिस्तानी अधिकारी ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के लंबे वक्त तक रहने को सुरक्षा खामी बताते रहे हैं, और इस बात से साफ इंकार करते है कि उसे छिपाने में सेना या खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों का कोई हाथ था.
पिछले साल मई में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस समय बेहद कड़े शब्दों में आलोचना की थी, जब उन्होंने कहा था कि वह वह पाकिस्तान से आफरीदी को 'सिर्फ दो मिनट' में रिहा करवा सकते हैं.
वैसे, 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हुए हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी लड़ाई में पाकिस्तान भी शामिल हो गया था, लेकिन अमेरिकी अधिकारी अक्सर पाकिस्तान को अविश्वसनीय साझीदार बताते हैं, जिसने अफगानिस्तान के तालिबान नेतृत्व को पनाह दी, और अमेरिकी अधिकारी यह मांग भी करते रहे हैं कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान से सटी उसकी सीमा पर बसे आतकवादी गुटों के खिलाफ ज़्यादा कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
(रॉयटर के लिए मेहरीन ज़ाहरा-मलिक द्वारा लिखित, क्लैरेंस फर्नांडिज़ द्वारा संपादित)
© Thomson Reuters 2017
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