इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत की सीमा से लगे पंजाब प्रांत में रणनीतिक महत्व वाले एक स्थान पर चल रहे सैन्य अभ्यास का मुआयना किया और चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि उनका देश अपने दुश्मनों के किसी भी लालसापूर्ण और लापरवाही वाले कदम का मुंहतोड़ जवाब देगा.
शरीफ ने भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच पंजाब में बहावलपुर के खरपुर तामेवाली में सैन्य अभ्यास के समापन के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 'सैन्य अभ्यास 'राद उल बर्क' ने साबित किया है कि पाकिस्तान अपने दुश्मनों के किसी भी लालसापूर्ण और लापरवाही वाले कदम का मुकाबला करने के लिए तैयार है.' उन्होंने कहा, 'ये अभ्यास राष्ट्रीय सुरक्षा पर किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए हमारे सशस्त्र बलों की तैयारी को झलकाते हैं.' शरीफ के मुताबिक कोई देश अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर आने वाले खतरों को लेकर बेसुध नहीं रह सकता.
अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री शरीफ इस समारोह के मुख्य अतिथि थे, जिसमें प्रभावशाली सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ, चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी जनरल रशद महमूद और तीनों सेना प्रमुखों ने भी भाग लिया. सैन्य अभ्यास के दौरान जेएफ-17 थंडर लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर गनशिप और अल-खालिद टैंकों ने जमीन पर निर्धारित लक्ष्यों पर निशाना साधा. कुछ दिन पहले ही नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सात पाकिस्तानी जवान मारे गए थे.
रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है और दूसरे देशों से भी यही अपेक्षा करती है ताकि क्षेत्र में लंबे समय तक शांति रहे. शरीफ ने कहा, 'हम क्षेत्र में हाल ही में हुए घटनाक्रमों से अलग नहीं रह सकते. सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों पर मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.'
जम्मू कश्मीर का जिक्र करते हुए शरीफ ने कहा कि यह पाकिस्तान और भारत के बीच विवाद का मुख्य मुद्दा बना हुआ है. उन्होंने कहा, 'इस मुद्दे पर कश्मीरी जनता की आकांक्षाओं और संयुक्त राष्ट्र के संबंधित प्रस्तावों के अनुरूप गंभीरता से तथा समग्र तरीके से ध्यान दिया जाना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'जम्मू कश्मीर में हालिया स्वत: स्फूर्त और घरेलू गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए अपनाए गए कठोर तरीके प्रतिकूल प्रभाव वाले रहे हैं. एलओसी पर आम नागरिकों और सैनिकों को मारना आक्रामकता का एक और कृत्य है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.'
शरीफ के मुताबिक, 'भारत की ओर से संघर्ष-विराम समझौते के गंभीर उल्लंघन की वजह से सीमा पर हालात संवेदनशील बने हुए हैं.' उन्होंने कहा, 'यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि दक्षिण एशिया इस टकराव से प्रभावित होता है और सुरक्षा स्थिति संवेदनशील बनी हुई है.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के शत्रुओं ने अपने इरादे भलीभांति जाहिर कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद का उद्देश्य पाकिस्तान को अस्थिर करना है और देश तथा सशस्त्र बल सफलतापूर्वक उनकी दुर्भावनापूर्ण सोच से मुकाबला कर रहे हैं.
शरीफ ने भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच पंजाब में बहावलपुर के खरपुर तामेवाली में सैन्य अभ्यास के समापन के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 'सैन्य अभ्यास 'राद उल बर्क' ने साबित किया है कि पाकिस्तान अपने दुश्मनों के किसी भी लालसापूर्ण और लापरवाही वाले कदम का मुकाबला करने के लिए तैयार है.' उन्होंने कहा, 'ये अभ्यास राष्ट्रीय सुरक्षा पर किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए हमारे सशस्त्र बलों की तैयारी को झलकाते हैं.' शरीफ के मुताबिक कोई देश अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर आने वाले खतरों को लेकर बेसुध नहीं रह सकता.
अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री शरीफ इस समारोह के मुख्य अतिथि थे, जिसमें प्रभावशाली सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ, चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी जनरल रशद महमूद और तीनों सेना प्रमुखों ने भी भाग लिया. सैन्य अभ्यास के दौरान जेएफ-17 थंडर लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर गनशिप और अल-खालिद टैंकों ने जमीन पर निर्धारित लक्ष्यों पर निशाना साधा. कुछ दिन पहले ही नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सात पाकिस्तानी जवान मारे गए थे.
रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है और दूसरे देशों से भी यही अपेक्षा करती है ताकि क्षेत्र में लंबे समय तक शांति रहे. शरीफ ने कहा, 'हम क्षेत्र में हाल ही में हुए घटनाक्रमों से अलग नहीं रह सकते. सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों पर मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.'
जम्मू कश्मीर का जिक्र करते हुए शरीफ ने कहा कि यह पाकिस्तान और भारत के बीच विवाद का मुख्य मुद्दा बना हुआ है. उन्होंने कहा, 'इस मुद्दे पर कश्मीरी जनता की आकांक्षाओं और संयुक्त राष्ट्र के संबंधित प्रस्तावों के अनुरूप गंभीरता से तथा समग्र तरीके से ध्यान दिया जाना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'जम्मू कश्मीर में हालिया स्वत: स्फूर्त और घरेलू गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए अपनाए गए कठोर तरीके प्रतिकूल प्रभाव वाले रहे हैं. एलओसी पर आम नागरिकों और सैनिकों को मारना आक्रामकता का एक और कृत्य है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.'
शरीफ के मुताबिक, 'भारत की ओर से संघर्ष-विराम समझौते के गंभीर उल्लंघन की वजह से सीमा पर हालात संवेदनशील बने हुए हैं.' उन्होंने कहा, 'यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि दक्षिण एशिया इस टकराव से प्रभावित होता है और सुरक्षा स्थिति संवेदनशील बनी हुई है.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के शत्रुओं ने अपने इरादे भलीभांति जाहिर कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद का उद्देश्य पाकिस्तान को अस्थिर करना है और देश तथा सशस्त्र बल सफलतापूर्वक उनकी दुर्भावनापूर्ण सोच से मुकाबला कर रहे हैं.
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