अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विंसेंट स्टीवार्ट ने सीनेट की सशस्त्र समिति के समक्ष विश्वव्यापी खतरों पर हुई सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘पाकिस्तान की अफगानिस्तान को लेकर सोच या इच्छा वैसी ही है जैसे कि हम एक महफूज, सुरक्षित, स्थिर अफगानिस्तान चाहते हैं. इसके अलावा ध्यान देने वाली एक बात यह और है कि भारत का अफगानिस्तान में कोई अत्यधिक प्रभाव भी नहीं है.’’
स्टीवार्ट ने कहा, ‘‘वह सभी चुनौतियों को भारत से उत्पन्न खतरों के नजरिए से देखते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिसतान भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए आतंकी सगंठन को इसलिए सुरक्षित रखता है ताकि अगर अफगानिस्तान का झुकाव भारत की ओर बढ़ता है तो वह अफगानिस्तान के स्थिर एवं सुरक्षित नहीं होने देगा क्योंकि इससे पाकिस्तान का हित कमजोर पड़ सकता है’’
स्टीवर्ट ने कहा कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट किए जाने की आवश्यकता है कि अफगानिस्तान की सुरक्षा एवं स्थिरता क्षेत्र के सभी पक्षों के हित में है और इससे उसको कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें पाकिस्तान को समझाना होगा कि अगर वह हक्कानी नेटवर्क के किसी भी सदस्य को पनाह देता है तो वह उसके हित में नहीं है. हमें उन 20 आतंकी संगठनों के खिलाफ एकजुट होकर काम करना चाहिए जो न सिर्फ अफगानिस्तान बल्कि पूरे क्षेत्र को कमजोर करते हैं."
स्टीवर्ट ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उन्हें हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ और कदम उठाने के लिए प्रेरित करें. उन्हें तालिबान को पश्तून से अलग करना होगा, जो पश्तून प्रभुत्व वाला अफगानिस्तान चाहते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें पाकिस्तान से इन आतंकवादियों को पनाह न देने, अफगानिस्तान में स्थिरता बनाए रखने के सिलसिले में फिर से बातचीत करने की आवश्यकता है. हमें उन्हें सुलह पर विचार करने को कहना होगा क्योंकि यथास्थिति उनके सर्वश्रेष्ठ हित में नहीं है.’’