पाकिस्तान बार काउंसिल (पीबीसी) सैन्य अदालतों की स्थापना की मंजूरी वाले 21वें संविधान संशोधन के विरोध में गुरुवार को काले दिवस के रूप में मना रहा है।
'जियो टीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, पीबीसी ने बुधवार को इस्लामाबाद में आयोजित बैठक में संविधान एवं सैन्य अदालतों की स्थापना के लिए सैन्य अधिनियम में संशोधन की निंदा की।
बार एसोसिएशन के सदस्य विरोधस्वरूप गुरुवार को बांह पर काला फीता बांधकर न्यायालय पहुंचे।
बार काउंसिल के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अजीम नजीर तरार ने बुधवार को लाहौर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (एलएचसीबीए) में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश से आतंकवाद मिटाने के लिए पहले से ही कानून मौजूद हैं, इसलिए नए कानूनों को नजरअंदाज करना चाहिए।
तरार ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने एक लोकतंत्र सरकार के रहते सैन्य अदालतों की स्थापना के लिए 21वें संशोधन का समर्थन कर राष्ट्र को निराश किया है।
उन्होंने कहा कि व्यवस्था में त्रुटि होने के कारण निर्दोष लोगों को जेल में रखा गया है, जबकि असली अपराधी खुले में घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली में सुधार किए जाने की आवश्यकता है।
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