
फैजाबाद में प्रदर्शनकारियों और पुलिस, सेना के बीच झड़प
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पुलिस अब तक फैजाबाद मोड़ से प्रदर्शनकारियों को हटाने में नाकाम रही है
घायलों को इस्लामाबाद और रावलपिंडी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है
अभियान में 8,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों ने हिस्सा लिया था
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बहरहाल पुलिस अब तक फैजाबाद मोड़ से प्रदर्शनकारियों को हटाने में नाकाम रही है. प्रदर्शनकारी यहां करीब तीन सप्ताह से कब्जा जमाये बैठे हैं. पुलिस ने बताया कि संघर्ष में कम से कम एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गयी और प्रदर्शनकारियों एवं सुरक्षाकर्मियों समेत 150 से अधिक लोग घायल हो गये.
तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूवत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के करीब 2,000 कार्यकर्ताओं ने दो सप्ताह से अधिक समय से इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे और मुर्री रेाड की घेरेबंदी कर रखी थी. यह सड़क इस्लामाबाद को इसके एकमात्र हवाईअड्डे और सेना के गढ़ रावलपिंडी को जोड़ती है.
प्रदर्शनकारी खत्म-ए-नबूवत सितंबर में पारित चुनाव अधिनियम 2017 में बदलावों को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
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स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि घायलों को इस्लामाबाद और रावलपिंडी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. इस्लामाबाद सिटी मजिस्ट्रेट ने प्रदर्शनकारियों को आधी रात तक वहां से हटने या नतीजा भुगतने की चेतावनी जारी की थी. टीवी फुटेज में पुलिस प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ती और सुरक्षाकर्मी बल प्रयोग करते दिख रहे हैं. इनमें से कई लोगों को गिरफ्तार कर विभिन्न पुलिस थानों में भेजा गया है. प्रदर्शनकारियों के पथराव के चलते कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गये.
सुरक्षा अधिकारी के अनुसार करीब 2,000 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अभियान में 8,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों ने हिस्सा लिया था. अभियान अब भी जारी है और पुलिस को प्रदर्शनकारियों से भारी प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)