
आतंकवाद को पनाह देने वाला पाकिस्तान खुद हिंसा की आग में लगातार झुलस रहा है. पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार, 15 अप्रैल को एक पुलिस बस को निशाना बनाकर किए गए विस्फोट में कम से कम तीन अधिकारी मारे गए और 16 अन्य घायल हो गए. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी पुलिस अधिकारियों ने ने दी है. बलूचिस्तान प्रशासन के अधिकारी राजा मुहम्मद अकरम ने बताया कि प्रांतीय राजधानी क्वेटा से लगभग 40 किलोमीटर दक्षिण में मस्तुंग जिले में जिस समय बस विस्फोट की चपेट में आई, उसमें लगभग 40 पुलिस अधिकारी सवार थे.
राजा मुहम्मद अकरम ने कहा, "यह सड़क किनारे हुआ IED (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट था, जिसमें तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि 16 अन्य घायल हो गए."
प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने भी मृतक पुलिसकर्मियों की संख्या की पुष्टि की और कहा कि दो अधिकारियों की हालत गंभीर है. खबर लिखे जाने तक किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली थी. हालांकि शक की सुई बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की तरफ ही जा रही है, जो इस क्षेत्र में सबसे सक्रिय समूह है और अक्सर सुरक्षा बलों के खिलाफ घातक हमले करता रहता है.
पिछले महीने ही जातीय बलूच अलगाववादियों ने बलूचिस्तान के अंदर 450 यात्रियों वाली एक ट्रेन को हाइजैक कर लिया था. आर्मी और पुलिस को दो दिनों तक ऑपरेशन चलाना पड़ा था और इस दौरान दर्जनों लोग मारे गए थे.
एएफपी की टैली के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान, दोनों प्रांत में सरकार से लड़ने वाले सशस्त्र समूहों ने इस साल की शुरुआत के बाद से किए गए हमलों में 200 से अधिक की जान ले ली है, जिनमें ज्यादातर सुरक्षा अधिकारी हैं. 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से बढ़ते उग्रवाद के ट्रेंड के बाद पिछला साल पाकिस्तान में एक दशक में सबसे हिंसक साल था, उग्रवाद की वजह से पिछले एक दशक में सबसे अधिक मौते हुई थीं.
(इनपुट- एएफपी)
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