
पाकिस्तान हिंसा की आग में झूलस रहा है और सबसे अधिक असर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में देखने को मिल रहा है. हाल ही में बलूचिस्तान में हुए ट्रेन हाइजैक की घटना के बाद पाकिस्तान की सेना वहां से कई कथित विद्रोहियों की बॉडी लेकर क्वेटा के एक हॉस्पिटल में आई थी. उनके बलूची रिश्तेदार मांग कर रहे थे कि उन्हें सिविल हॉस्पिटल में लाए गए शवों की पहचान करने की अनुमति दी जाए. खबर है कि विरोध-प्रदर्शन के बीच पुलिस उन्हें रोकती रह गई और रिश्तेदार हॉस्पिटल के मुर्दाघर से कई लाशें ले जाने में कामयाब रहे.
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने रिपोर्ट छापी है कि यह स्पष्ट नहीं है कि रिश्तेदारों ने शवों की पहचान अपने लापता प्रियजनों के रूप में की है या नहीं. लेकिन हॉस्पिटल के अधिकारियों ने अखबार को बताया कि बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) से जुड़े प्रदर्शनकारी जबरन मुर्दाघर में घुस गए और कम से कम पांच शव ले गए.
🚨 #Quetta: Families retrieve 5 bodies from Civil Hospital after identification-police violence leaves several women injured.
— KashmirFact (@Kashmir_Fact) March 20, 2025
Protests continue as 13 bodies mysteriously buried without consent. 23 bodies kept hidden for 3 days.#Balochistan #BalochFightForHumanRights… pic.twitter.com/1h6CWkkHyQ
इस रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने दावा किया है कि जो शव ले जाए गए वे जाफर एक्सप्रेस पर हमले के बाद हॉस्पिटल लाए गए थे और वे एक पाकिस्तान आर्मी के जवाबी हमले में मारे गए विद्रोहियों के अज्ञात शव थे.
पुलिस ने बाद में क्वेटा के अलग-अलग इलाकों में छापे मारे. उन्हें कम से कम तीन शव बरामद करने में सफलता मिली.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज भी किया था, जिसमें दो महिलाएं घायल हो गईं. पुलिस ने महिलाओं सहित कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था. हालांकि मौके पर प्रदर्शनकारियों की संख्या इतनी हो गई कि पुलिस बेबस नजर आने लगी. आखिरकार कई लोग मुर्दाघर तक पहुंचने में सफल रहे और शवों को उठाकर ले गए.
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