इस्लामाबाद:
पाकिस्तान ने मलाला यूसुफजई पर हमले की साजिश रचने वाले आतंकवादी, मुल्ला फजलुल्ला को प्रत्यर्पित करने की अफगानिस्तान से मांग की है। माना जा रहा है कि फजलुल्ला अफगानिस्तान में छुपा हुआ है।
विदेशमंत्री हिना रब्बानी खार ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए विशेष अमेरिकी दूत मार्क ग्रॉसमैन के साथ मुलाकात के दौरान फजलुल्ला के प्रत्यर्पण की मांग रखी।
सोमवार को जारी जियो टीवी की रपट के अनुसार, ग्रॉसमैन से कहा गया कि फजलुल्ला हमले में शामिल था और इसलिए उसके प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे।
अधिकारियों के अनुसार, फजलुल्ला और उसके साथी अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में छुपे हुए हैं, और इन सब ने एक साल में सीमापार से 15 हमले किए हैं।
अधिकारियों ने कहा है कि मलाला पर गोली चलाने वाला हमलावर भी अफगानिस्तान भाग गया है।
ज्ञात हो कि 14 वर्षीय मलाला यूसुफजई को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 9 अक्टूबर को तालिबान के एक हमलावर ने सिर में गोली मार दी थी। वह स्कूल से घर लौट रही थीं, उसी दौरान पुलिस वर्दी पहने हमलावर ने स्कूल बस रुकवाकर मलाला पर गोलीबारी की। वह गम्भीर रूप से घायल हो गईं।
तालिबान ने कहा कि उसने पाकिस्तान के पहले राष्ट्रीय शांति पुरस्कार विजेता को इसलिए गोली मारी, क्योंकि वह धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दे रही थी।
मलाला को इलाज के लिए हवाई एम्बुलेंस के जरिए ब्रिटेन ले जाया गया। जहां बर्मिघम स्थित क्वीन एलिजाबेथ हास्पीटल में उनका इलाज चल रहा है।
विदेशमंत्री हिना रब्बानी खार ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए विशेष अमेरिकी दूत मार्क ग्रॉसमैन के साथ मुलाकात के दौरान फजलुल्ला के प्रत्यर्पण की मांग रखी।
सोमवार को जारी जियो टीवी की रपट के अनुसार, ग्रॉसमैन से कहा गया कि फजलुल्ला हमले में शामिल था और इसलिए उसके प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे।
अधिकारियों के अनुसार, फजलुल्ला और उसके साथी अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में छुपे हुए हैं, और इन सब ने एक साल में सीमापार से 15 हमले किए हैं।
अधिकारियों ने कहा है कि मलाला पर गोली चलाने वाला हमलावर भी अफगानिस्तान भाग गया है।
ज्ञात हो कि 14 वर्षीय मलाला यूसुफजई को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 9 अक्टूबर को तालिबान के एक हमलावर ने सिर में गोली मार दी थी। वह स्कूल से घर लौट रही थीं, उसी दौरान पुलिस वर्दी पहने हमलावर ने स्कूल बस रुकवाकर मलाला पर गोलीबारी की। वह गम्भीर रूप से घायल हो गईं।
तालिबान ने कहा कि उसने पाकिस्तान के पहले राष्ट्रीय शांति पुरस्कार विजेता को इसलिए गोली मारी, क्योंकि वह धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दे रही थी।
मलाला को इलाज के लिए हवाई एम्बुलेंस के जरिए ब्रिटेन ले जाया गया। जहां बर्मिघम स्थित क्वीन एलिजाबेथ हास्पीटल में उनका इलाज चल रहा है।
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