
पाकिस्तान की पहली नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई तालिबान द्वारा 2012 में उन्हें गोली मारे जाने के बाद पहली बार बुधवार को देश के अशांत उत्तर-पश्चिम खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित अपने गृहनगर पहुंचीं और परिवार के सदस्यों से मुलाकात की.
स्थानीय करोरा थाने के प्रभारी अमजद आलम खान ने ‘डॉन डॉट कॉम' को बताया कि मलाला के साथ उनके पिता जियाउद्दीन यूसुफजई और पति असीर मलिक भी थे. मलाला और मलिक की शादी 2021 में हुई थी.
आलम खान ने बताया कि मलाला ने उस स्कूल और कॉलेज का भी दौरा किया, जिसे उन्होंने जिले की करीब एक हजार बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के लिए 2018 में स्थापित किया था. जिले में पहले लड़कियों के लिए कोई क्रियाशील सरकारी कॉलेज नहीं था.
थाना प्रभारी ने कहा, ‘‘मलाला ने कक्षाओं का निरीक्षण किया, विद्यार्थियों से मुलाकात की और उनसे पढ़ाई एवं भविष्य पर ध्यान देने की अपील की.''उन्होंने कहा कि मलाला फंड कॉलेज में निशुल्क उच्च स्तरीय शिक्षा सुनिश्चित करेगा. मलाला अपने नानी के घर भी गईं.
इस अवसर पर शिक्षा कार्यकर्ता शहजाद रॉय भी मौजूद थे, जो जिंदगी ट्रस्ट के तहत शांगला गर्ल्स स्कूल और कॉलेज का संचालन करते हैं. रॉय ने मलाला को कॉलेज द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया.
अपनी इस संक्षिप्त यात्रा के बाद मलाला इस्लामाबाद लौट आईं. तालिबान के हमले के बाद मलाला की पहली पाकिस्तान यात्रा 2018 में हुई थी. उसके बाद, वह 2022 में अभूतपूर्व मानसूनी बारिश और बाढ़ से तबाह हुए क्षेत्रों की यात्रा करने और पीड़ितों से मिलने के लिए पाकिस्तान आई थीं.
मलाला इस वर्ष जनवरी में इस्लामाबाद में मुस्लिम समुदायों की लड़कियों की शिक्षा पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भी पाकिस्तान पहुंची थीं.
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