इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने अमेरिका में देश के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी को विदेश यात्रा की सोमवार को अनुमति दे दी। न्यायालय वाशिंगटन भेजे गए उस गुप्त संदेश मामले की जांच कर रहा है, जिसके बारे में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने संदेश में पिछले वर्ष अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन की हत्या के बाद सैन्य तख्तापलट की आशंका जाहिर की थी। हक्कानी की वकील अस्मा जहांगीर ने पूर्व राजदूत को विदेश यात्रा की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
जियो न्यूज द्वारा जारी रपट के अनुसार, न्यायालय की नौ सदस्यीय पीठ ने कहा कि हक्कानी को रजिस्ट्रार कार्यालय को विवरण उपलब्ध कराने होंगे और चार दिनों की सूचना पर वापस लौटना होगा। ज्ञात हो कि पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी व्यापारी मंसूर एजाज ने पिछले वर्ष, अमेरिका में तत्कालीन पाकिस्तानी राजदूत हुसैन हक्कानी और पाकिस्तान सरकार की ओर से तत्कालीन अमेरिकी चीफ ऑफ स्टाफ, जनरल माइक मुलेन को एक गुप्त संदेश पहुंचाने का दावा किया था। गुप्त संदेश में कहा गया था कि अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के एबटाबाद स्थित उसके ठिकाने में अमेरिकी कमांडो दस्ते द्वारा मारे जाने के बाद जरदारी को सैन्य तख्तापलट की आशंका पैदा हो गई थी।
गुप्त संदेश के प्रकाश में आने के बाद हक्कानी ने इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद शेरी रहमान को उनके स्थान पर अमेरिका में पाकिस्तान का राजदूत नियुक्त किया गया था। प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने गुप्त संदेश मामले की जांच कर रहे तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का कार्यकाल दो महीने बढ़ाए जाने को भी मंजूरी दे दी। इस न्यायिक आयोग में बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश फैज ईसा, सिंध उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मुशिर आलम और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इकबाल अब्दुल रहमान शामिल हैं।
जियो न्यूज द्वारा जारी रपट के अनुसार, न्यायालय की नौ सदस्यीय पीठ ने कहा कि हक्कानी को रजिस्ट्रार कार्यालय को विवरण उपलब्ध कराने होंगे और चार दिनों की सूचना पर वापस लौटना होगा। ज्ञात हो कि पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी व्यापारी मंसूर एजाज ने पिछले वर्ष, अमेरिका में तत्कालीन पाकिस्तानी राजदूत हुसैन हक्कानी और पाकिस्तान सरकार की ओर से तत्कालीन अमेरिकी चीफ ऑफ स्टाफ, जनरल माइक मुलेन को एक गुप्त संदेश पहुंचाने का दावा किया था। गुप्त संदेश में कहा गया था कि अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के एबटाबाद स्थित उसके ठिकाने में अमेरिकी कमांडो दस्ते द्वारा मारे जाने के बाद जरदारी को सैन्य तख्तापलट की आशंका पैदा हो गई थी।
गुप्त संदेश के प्रकाश में आने के बाद हक्कानी ने इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद शेरी रहमान को उनके स्थान पर अमेरिका में पाकिस्तान का राजदूत नियुक्त किया गया था। प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने गुप्त संदेश मामले की जांच कर रहे तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का कार्यकाल दो महीने बढ़ाए जाने को भी मंजूरी दे दी। इस न्यायिक आयोग में बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश फैज ईसा, सिंध उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मुशिर आलम और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इकबाल अब्दुल रहमान शामिल हैं।
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