इस्लामाबाद:
पाकिस्तान में मैकडोनल्ड के एक रेस्तरां में वहां के प्रबंधकों ने एक दंपति को एक साथ बैठने से यह कह कर मना कर दिया कि ऐसा करने से रेस्तरां के ‘इस्लामी पारिवारिक माहौल’ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
निर्यातक नोमान अंसारी ने कहा कि उनके साथ यह घटना कराची के 'मैकडोनल्ड' में हुई। अपने किसी मित्र के यहां से जन्मदिन के समारोह से लौटते वक्त दोनों पति-पत्नी एक रेस्तरां में रुके।
अंसारी वहां अपनी पत्नी की बगल वाली कुर्सी पर बैठे और अपना हाथ पत्नी की कुर्सी की पीठ पर रख दिया। मैकडोनल्ड के एक कर्मचारी ने उनके पास आकर उन्हें पत्नी के सामने आकर बैठने को कहा।
अंसारी के पूछने पर कि वह अपनी पत्नी के साथ क्यों नहीं बैठ सकते, कर्मचारी ने कहा, महाशय, यह पारिवारिक रेस्तरां है। दंपति का साथ बैठना मैकडोनल्ड पाकिस्तान की नीतियों के खिलाफ है, क्योंकि यह रेस्तरां के पारिवारिक माहौल के प्रतिकूल है। अंसारी के यह कहने पर कि वह शादीशुदा है, कर्मचारी ने कहा, मुझे माफ कर दीजिए महाशय, लेकिन आप साथ में नहीं बैठ सकते।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की वेबसाइट पर पोस्ट ब्लॉग में अंसारी ने कहा है कि उन्होंने इस मामले को अन्य दो प्रबंधकों के सामने उठाने का फैसला किया, लेकिन उन दोनों ने भी कहा, यह प्रबंधन के ऊंचे स्तर का फैसला है, क्योंकि जोड़ों (फिर चाहे वह शादीशुदा हों) के साथ बैठने से मैकडोनल्ड के इस्लामी पारिवारिक वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
अंसारी ने कहा कि सउदी अरब में अपनी परवरिश के दौरान उन्होंने दंपतियों को साथ बैठे हुए देखा है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना पर हंसी आई और दुख भी हुआ। उन्होंने ब्लॉग में लिखा है, हंसी आ रही है, क्योंकि यह बेवकूफी-भरा था और दुखी हूं क्योंकि स्थिति ऐसी है। उन्होंने लिखा है, सवाल यह है कि वह हमारे बारे में तय करने वाले कौन होते हैं?’’
अंसारी ने लिखा है कि इस घटना में शामिल मैकडोनल्ड के तीनों कर्मचारियों की सोच कट्टरपंथी नहीं है, बल्कि वह सिर्फ आदेशों का पालन कर रहे थे। उन्होने लिखा है कि इस मामले में अगर किसी की गलती है तो वह सिर्फ मैकडोनल्ड पाकिस्तान की। मैकडोनल्ड ने इस घटना पर कुछ नहीं कहा।
निर्यातक नोमान अंसारी ने कहा कि उनके साथ यह घटना कराची के 'मैकडोनल्ड' में हुई। अपने किसी मित्र के यहां से जन्मदिन के समारोह से लौटते वक्त दोनों पति-पत्नी एक रेस्तरां में रुके।
अंसारी वहां अपनी पत्नी की बगल वाली कुर्सी पर बैठे और अपना हाथ पत्नी की कुर्सी की पीठ पर रख दिया। मैकडोनल्ड के एक कर्मचारी ने उनके पास आकर उन्हें पत्नी के सामने आकर बैठने को कहा।
अंसारी के पूछने पर कि वह अपनी पत्नी के साथ क्यों नहीं बैठ सकते, कर्मचारी ने कहा, महाशय, यह पारिवारिक रेस्तरां है। दंपति का साथ बैठना मैकडोनल्ड पाकिस्तान की नीतियों के खिलाफ है, क्योंकि यह रेस्तरां के पारिवारिक माहौल के प्रतिकूल है। अंसारी के यह कहने पर कि वह शादीशुदा है, कर्मचारी ने कहा, मुझे माफ कर दीजिए महाशय, लेकिन आप साथ में नहीं बैठ सकते।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की वेबसाइट पर पोस्ट ब्लॉग में अंसारी ने कहा है कि उन्होंने इस मामले को अन्य दो प्रबंधकों के सामने उठाने का फैसला किया, लेकिन उन दोनों ने भी कहा, यह प्रबंधन के ऊंचे स्तर का फैसला है, क्योंकि जोड़ों (फिर चाहे वह शादीशुदा हों) के साथ बैठने से मैकडोनल्ड के इस्लामी पारिवारिक वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
अंसारी ने कहा कि सउदी अरब में अपनी परवरिश के दौरान उन्होंने दंपतियों को साथ बैठे हुए देखा है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना पर हंसी आई और दुख भी हुआ। उन्होंने ब्लॉग में लिखा है, हंसी आ रही है, क्योंकि यह बेवकूफी-भरा था और दुखी हूं क्योंकि स्थिति ऐसी है। उन्होंने लिखा है, सवाल यह है कि वह हमारे बारे में तय करने वाले कौन होते हैं?’’
अंसारी ने लिखा है कि इस घटना में शामिल मैकडोनल्ड के तीनों कर्मचारियों की सोच कट्टरपंथी नहीं है, बल्कि वह सिर्फ आदेशों का पालन कर रहे थे। उन्होने लिखा है कि इस मामले में अगर किसी की गलती है तो वह सिर्फ मैकडोनल्ड पाकिस्तान की। मैकडोनल्ड ने इस घटना पर कुछ नहीं कहा।
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