- अमेरिकी सेना को ओसामा बिन लादेन को पकड़ने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, वह कई बार बच निकल गया था
- पूर्व सीआईए अधिकारी जॉन किरियाको ने बताया कि लादेन तोरा बोरा की पहाड़ियों से महिला के वेश में भाग निकला था
- अमेरिकी सेना ने एक महीने से अधिक इंतजार किया था ताकि अफगानिस्तान में हमले के लिए उचित तैयारी की जा सके
अमेरिका के न्यूयार्क शहर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला करने वाले आतंकी संगठन अल-कायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के लिए अमेरिकी सेना को काफी मशक्कत करनी पड़ी. कई बार अमेरिकी सेना को लगा कि लादेन अब उनके हाथ आ गया, लेकिन वह फिर बच निकलता था. पूर्व सीआईए अधिकारी जॉन किरियाको ने खुलाया किया है कि ओसामा बिन लादेन अफगानिस्तान में तोरा बोरा की पहाड़ियों से महिला के वेश में भाग निकला था. अमेरिकी सेना ने सोचा भी नहीं था कि इतना खूंखार आतंकी बुर्के में मुंह छिपाकर भी भाग सकता है.
पूर्व सीआईए अधिकारी जॉन किरियाको ने बताया कि अल-कायदा संस्थापक ओसामा बिन लादेन, जो 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए मोस्ट वांटेड आतंकवादी था, एक महिला के वेश में तोरा बोरा पहाड़ियों से भाग निकला था. एएनआई को दिये इंटरव्यू में में जो 15 वर्षों तक सीआईए में रहे और पाकिस्तान में सीआईए के आतंकवाद-रोधी अभियानों के प्रमुख रहे किरियाको ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि सेंट्रल कमांड के कमांडर का ट्रांसलेटर असल में एक 'अल-कायदा का आतंकी था, जिसने अमेरिकी सेना की जासूसी की थी.
किरियाको ने बताया, "उस समय अमेरिका हमलों के प्रति एक्टिव होने के बजाय प्रतिक्रियावादी था. आपको याद होगा, हमने अफ़ग़ानिस्तान पर बमबारी शुरू करने से पहले एक महीने से ज़्यादा इंतज़ार किया था. हम सोच-समझकर काम करने की कोशिश कर रहे थे. हम कोशिश कर रहे थे कि भावनाओं को हमारे फ़ैसलों पर हावी न होने दें. और हमने एक महीने तक इंतज़ार किया, जब तक कि हमने उस क्षेत्र में उचित तैयारी नहीं कर ली. फिर हमने अल-क़ायदा के ज्ञात ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए. यह हमले ज़्यादातर दक्षिणी और पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के पश्तो इलाकों में किये गए. हमें अक्टूबर 2001 में यकीन था कि हमने ओसामा बिन लादेन और अल-क़ायदा के आतंकियों को तोरा बोरा में घेर लिया है."
पूर्व सीआईए अधिकारी ने बताया, "लादेन को पकड़ने के ऑपरेशन के दौरान हमें नहीं पता था कि सेंट्रल कमांड के कमांडर का ट्रांसलेटर असल में एक अल-क़ायदा ऑपरेटिव था, जिसने अमेरिकी सेना में घुसपैठ की थी. तोरा बोरा में हमने लादेन को घेर लिया था और वहां से बच कर निकलने का कोई रास्ता नहीं था. लादने को हमने पहाड़ से नीचे आने को कहा. लादेन ने इसके जवाब में अनुवादक के ज़रिए कहा- क्या आप हमें सुबह होने तक का समय दे सकते हैं? हम महिलाओं और बच्चों को निकालना चाहते हैं और फिर नीचे आकर सरेंडर कर देंगे. ट्रांसलेटर ने जनरल फ्रैंक्स को इस बात के लिए राज़ी कर लिया था. आखिरकार, हुआ यह कि ओसामा बिन लादेन ने महिला का वेश धारण किया और अंधेरे की आड़ में एक पिकअप ट्रक के पीछे बैठकर पाकिस्तान भाग गया. सबुह, जब उजाला हुआ, तो तोरा बोरा में सरेंडर करने के लिए कोई नहीं था. वे सभी भाग चुके थे, इसलिए हमें लड़ाई को सीधे पाकिस्तान ले जाना पड़ा."
अल-कायदा के न्यूयॉर्क में 9/11 को किये गए हमले में 3,000 लोग मारे गए थे. इसके बाद अमेरिका ने मई 2011 में उत्तरी पाकिस्तान के शहर एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन का पता लगाया. 2 मई को अमेरिकी विशेष बलों ने उसके सुरक्षित ठिकाने पर छापेमारी के दौरान उसे मार गिराया था.
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