इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने शनिवार को सुरक्षा एजेंसियों को कराची में तालिबान आतंकवादियों की बढ़ती घुसपैठ से गम्भीरतापूर्वक निपटने का आदेश दिया। कराची में राजनीतिक दलों के नेताओं पर तालिबान द्वारा शुक्रवार को हमला करने के एक दिन बाद यह आदेश आया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मीडिया की रपटों के आधार पर बताया कि तालिबान प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान ने शुक्रवार को कहा था कि तालिबान की नीतियों की आलोचना करने के कारण मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) पर उसके गढ़ में आतंकवादियों ने हमला करने का निश्चय किया।
एमक्यूएम का कहना है कि तालिबान की शहर में घुसपैठ हो चुकी है और वह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कराची की बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सिंध की प्रांतीय सरकार को शहर में तालिबान की उपस्थिति को गम्भीरता से विचार करने का आदेश दिया।
इसके अलावा न्यायालय ने शहर के सशस्त्र समूहों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई शुरू करने का भी आदेश दिया।
व्यापारिक समुदाय के प्रतिनिधियों ने न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया और सरकार से इसके क्रियान्वयन की अपील की।
प्रांतीय पुलिस प्रमुख ने कहा था कि कराची में लगभग 7000 तालिबान आतंकवादी प्रवेश कर चुके हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मीडिया की रपटों के आधार पर बताया कि तालिबान प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान ने शुक्रवार को कहा था कि तालिबान की नीतियों की आलोचना करने के कारण मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) पर उसके गढ़ में आतंकवादियों ने हमला करने का निश्चय किया।
एमक्यूएम का कहना है कि तालिबान की शहर में घुसपैठ हो चुकी है और वह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कराची की बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सिंध की प्रांतीय सरकार को शहर में तालिबान की उपस्थिति को गम्भीरता से विचार करने का आदेश दिया।
इसके अलावा न्यायालय ने शहर के सशस्त्र समूहों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई शुरू करने का भी आदेश दिया।
व्यापारिक समुदाय के प्रतिनिधियों ने न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया और सरकार से इसके क्रियान्वयन की अपील की।
प्रांतीय पुलिस प्रमुख ने कहा था कि कराची में लगभग 7000 तालिबान आतंकवादी प्रवेश कर चुके हैं।