भारत ने इजराइल से स्वदेश वापस आने की इच्छा रखने वाले भारतीयों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए ‘ऑपरेशन अजय' शुरू करने की बुधवार को घोषणा की थी. इसके तहत भारतीय लोगों को लाने के लिए एक भारतीय विमान गुरुवार की शाम तेल अवीव पहुंच रहा है. संभावना है कि 230 भारतीयों को लेकर शुक्रवार की सुबह वह भारत पहुंचेगा. विदेश मंत्रालय के अनुसार इज़रायल में 18,000 भारतीय रहते हैं. वहीं गाजा में 4 भारतीय लोग फंसे हुए हैं. हालांकि अभी तक किसी भी भारतीय के हताहत होने की सूचना नहीं है.
जिन लोगों ने वापस जाने के लिए पंजीकरण कराया है, उनमें से कई इज़राइल में शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले भारतीय भी शामिल हैं. इज़राइल में भारतीय दूतावास ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट किया था कि उसके प्रतिनिधियों ने भारतीय छात्रों से उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए मुलाकात की थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि विमान में लगभग 230 लोग बैठ सकते हैं लेकिन अंतिम संख्या उड़ान मापदंडों सहित विभिन्न कारकों के आधार पर निर्धारित की जाएगी. इस सवाल पर कि क्या निकासी के लिए भारतीय वायु सेना से मदद मांगी जाएगी, जैसा कि पहले किया गया है, उन्होंने कहा कि सभी विकल्प खुले हैं, लेकिन अभी चार्टर उड़ानों का उपयोग किया जा रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इज़रायल में 18,000 भारतीयों से आग्रह किया कि वे तेल अवीव में भारतीय मिशन द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करें, सतर्क रहें और अगर उन्हें मदद की ज़रूरत हो तो दूतावास से संपर्क करें. उन्होंने कहा कि वेस्ट बैंक में 12 या 13 भारतीय और गाजा में तीन या चार भारतीय हैं और यदि वे सहायता का अनुरोध करते हैं तो उन्हें बाहर निकलने में मदद की जाएगी. बागची ने कहा कि मंत्रालय ने अब तक संघर्ष में किसी भारतीय के हताहत होने की खबर नहीं सुनी है.
भारत हमास और इजरायल की मौजूदा स्थिति को कैसे देखता है?
इस सवाल का जवाब देते हुए कि भारत हमास और इजरायल की मौजूदा स्थिति को कैसे देखता है, प्रवक्ता ने कहा कि कोई संगठन आतंकवादी संगठन है या नहीं यह इसका जवाब भारतीय कानून के अनुसार संबंधित अधिकारी देंगे. लेकिन यह स्पष्ट है कि हम इसे एक आतंकवादी हमले के रूप में देखते हैं. बागची ने कहा कि फिलिस्तीन के संबंध में हमारी नीति लंबे समय से चली आ रही और सुसंगत रही है .भारत ने हमेशा फिलिस्तीन के एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य राज्य की स्थापना के लिए सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत की है, जो सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर इजरायल के साथ शांति से रहे.
बागची ने बताया कि प्रधान मंत्री पहले ही इस संघर्ष पर कुछ टिप्पणियां कर चुके हैं और वे अपने रुख पर कायम हैं.उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना एक सार्वभौमिक दायित्व है.आतंकवाद के खतरे से उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ना भी एक वैश्विक जिम्मेदारी है और मुझे लगता है कि यह सटीक रूप से बताता है कि हम इसे कैसे देखते हैं.
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