सिंगापुर में बुधवार को कोविड-19 के 170 नए मामले सामने आए और विशेषज्ञों ने आगाह किया कि आने वाले महीनों में कोरोना वायरस का नया स्वरूप ओमिक्रॉन डेल्टा स्वरूप को पीछे छोड़ सकता है. सरकारी ‘एजेंसी फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च बायोइन्फॉर्मेटिक्स इंस्टीट्यूट' के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर सेबेस्टियन मौरर-स्ट्रोह ने बताया कि डेल्टा अब भी अफ्रीका को छोड़कर बाकी महाद्वीप में आम तौर पर ज्यादा पाया जाने वाला स्वरूप है लेकिन ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है.
कोविड को लेकर जीनोम से संबंधित आंकड़े साझा करने वाले म्यूनिख स्थित ‘जीसैड' के अनुसार पिछले महीने से उनके पास मंगलवार तक जो आंकड़े आए हैं, उनमें सात से 27 फीसदी मामलों में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है. ये आंकड़े अफ्रीका को छोड़कर बाकी महाद्वीपों के संबंध में है.
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‘जीसैड' से जुड़े डॉक्टर मौरर स्ट्रोह को 'द स्ट्रैट्स टाइम्स' ने यह कहते हुए उद्धृत किया, ‘मौजूदा आंकड़े से यह लगता है कि समय के साथ ओमिक्रॉन डेल्टा को पीछे छोड़ देगा.'
कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन का सबसे पहले 11 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में पता चला था। इसके बाद बोत्सवाना और हांगकांग में पता चला और पिछले सप्ताहांत तक यह दुनिया के 110 से ज्यादा देशों में फैल चुका है.
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ओमिक्रॉन ऑस्ट्रेलिया, भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन में फैल चुका है. राष्ट्रीय अस्पताल विश्वविद्यालय के संक्रामक रोगों प्रभाग के वरिष्ठ सलाहकार प्रोफेसर डेल फिशर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर डेल्टा से अब नए स्वरूप ओमिक्रॉन की तरफ मामले बढ़ रहे हैं क्योंकि यह स्वरूप ज्यादा संक्रामक है.
फिशर ने कहा कि इस क्षेत्र के ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रॉन जल्द ही वैश्विक वर्चस्व के मामले में डेल्टा को पीछे छोड़ देगा.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं