वाशिंगटन:
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने फैसला किया है कि उनका प्रशासन सिर्फ पुरुष और महिला के बीच विवाह की इजाजत देने वाले कानून का बचाव नहीं करेगा। ओबामा के इस कदम को समलैंगिक अधिकारों की हिमायत करने वाले लोगों की एक जीत के रूप में देखा जा रहा है। अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने एक बयान में बताया कि डिफेंस ऑफ मैरिज एक्ट (डोमा) को दो याचिकाओं के जरिए चुनौती दिए जाने के मद्देनजर ओबामा ने कहा कि यह कानून असंवैधानिक हैं। गौरतलब है कि यह कानून पिछले 15 वर्षों से प्रभावी है। होल्डर ने रिपब्लिकन हाउस के अध्यक्ष जॉन बोहनर को लिखे एक पत्र में कहा है कि ओबामा ने पाया कि कुछ समलैंगिक जोड़ी को वैध शादी से बाहर रखने से पांचवें संशोधन में प्रदत्त समान सुरक्षा के प्रावधान का उल्लंघन होता है। ओबामा ने कहा कि न्याय विभाग 1996 के अधिनियम के मुख्य भाग का अधिक समय तक बचाव नहीं कर सकता, जो समलैंगिक शादी को संघीय स्तर पर मान्यता से वंचित करता है। इस बीच, रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य एवं सदन की न्यायिक समिति के प्रमुख ने इस फैसले की यह कहते हुए आलोचना की कि यह न्याय विभाग का राजनीतिकरण है तथा एक गैर-जिम्मेदाराना कदम है।
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