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This Article is From Oct 23, 2015

ओबामा, शरीफ ने अमेरिका-पाक संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया

ओबामा, शरीफ ने अमेरिका-पाक संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया
बराक ओबामा और नवाज शरीफ
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ सुरक्षा, परमाणु सुरक्षा, संघर्ष प्रभावित अफगानिस्तान के हालात और आतंकवादी संगठनों को इस्लामाबाद के समर्थन जैसे जटिल मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।

अपने साथ शरीफ की दूसरी द्विपक्षीय मुलाकात के लिए उनका स्वागत करते हुए ओबामा ने कहा कि दोनों पक्ष अमेरिका और पाकिस्तान के बीच इस रिश्ते को मजबूत करने के लिए इस अवसर का इस्तेमाल करने की दिशा में आशान्वित हैं।

ओबामा ने अपने कार्यालय में शरीफ का स्वागत किया
ओबामा ने अपने कार्यालय में शरीफ का स्वागत करने के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘जाहिर तौर पर अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते लंबे समय से रहे हैं। हम केवल सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर नहीं बल्कि आर्थिक और वैज्ञानिक तथा शैक्षणिक मामलों पर भी काम और सहयोग करते हैं।’’

ओबामा के साथ बैठे शरीफ ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा, ‘‘मैं इस रिश्ते को वृहद गहराई और मजबूती देने के लिए आज आपके साथ बहुत सकारात्मक साझेदारी की आशा प्रकट करता हूं।’’

पाकिस्तान-अमेरिका के संबंध 70 साल पुराने हैं
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान-अमेरिका के संबंध 70 साल पुराने हैं और मेरा प्रयास इस रिश्ते को और अधिक मजबूत करना है।’’ इस मुलाकात से एक सप्ताह पहले ओबामा ने कहा था कि वह अगले साल पद छोड़ने से पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को नहीं हटाएंगे।

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, ‘‘इस दौरे से अमेरिका-पाकिस्तान के संबंधों की स्थायी प्रवृति रेखांकित होगी और आर्थिक विकास, व्यापार एवं निवेश, स्वच्छ उर्जा, वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, परमाणु सुरक्षा, आतंकवाद से लड़ाई और क्षेत्रीय स्थिरता समेत परस्पर हित के मुद्दों पर हमारे सहयोग को मजबूत करने का एक मौका मिलेगा।’’

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा था, ‘‘राष्ट्रपति (ओबामा) प्रधानमंत्री शरीफ के साथ स्थिर, सुरक्षित एवं खुशहाल पाकिस्तान की दिशा में हमारे साझा हितों को बढ़ाने के तरीके पर चर्चा के लिए उत्साहित हैं।’’ बैठक से पहले पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा था कि शरीफ ओबामा के साथ कश्मीर मुद्दे को उठाएंगे।

विदेश सचिव ऐजाज अहमद चौधरी ने सोमवार को कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान हम नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ तनाव के बारे में बातचीत करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर मुद्दे का समाधान निकालने में मदद करने की अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है, जो भारत के साथ प्रमुख मुद्दा है।’’ भारत ने कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इनकार किया है और उसका कहना है कि भारत-पाक के सभी लंबित मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से ही सुलझाया जाना चाहिए।

शरीफ ने अपनी ओर से कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की मांग की थी। पाकिस्तान इस उच्चस्तरीय वार्ता से पहले अपने देश में ‘विध्वसंक गतिविधियों’ के लिए भारत की भूमिका होने का आरोप लगाकर इस संबंध में तीन दस्तावेज भी दे चुका है।

पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी किए एक बयान के अनुसार शरीफ ने कल अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी को ‘फाटा, बलूचिस्तान और कराची को अस्थिर करने में भारतीय एजेंसियों की भूमिका’ की बात कही थी।

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