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This Article is From Jun 03, 2017

चीन के साथ सीमा विवाद के बावजूद 40 साल में एक भी गोली नहीं चली : पीएम नरेंद्र मोदी

मोदी ने सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में पैनल चर्चा में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा ऑस्ट्रिया एवं माल्दोवा के नेताओं के साथ मंच साझा किया

चीन के साथ सीमा विवाद के बावजूद 40 साल में एक भी गोली नहीं चली : पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी में सेंट पीटर्सबर्ग में कहा कि दुनिया के सभी देशों की एक-दूसरे पर निर्भरता बढ़ गई है.
सेंट पीटर्सबर्ग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया पहले के मुकाबले कहीं अधिक नजदीक आ गई है. एक-दूसरे पर निर्भरता और बढ़ गई है तथा इस बदलाव ने सीमा विवाद के बावजूद भारत और चीन के लिए यह आवश्यक बना दिया है कि वे व्यापार एवं निवेश में सहयोग करें. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह सच है कि चीन के साथ हमारा सीमा विवाद है. लेकिन पिछले 40 साल में सीमा विवाद में एक भी गोली नहीं चली है.’’

मोदी ने उक्त बात इस सवाल के जवाब में कही कि क्या चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना को लेकर भारत का विरोध दोनों देशों के संबंधों में गहरे मतभेद दर्शाता है. मोदी ने सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में पैनल चर्चा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा ऑस्ट्रिया एवं माल्दोवा के नेताओं के साथ मंच साझा किया.

भारत ने ‘‘संप्रभुता’’ के मुद्दे का हवाला देते हुए चीन द्वारा परियोजना को लेकर हाल में आयोजित शीर्ष सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया था क्योंकि ‘वन बेल्ट वन रोड’ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है.

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि यह पहले जैसा द्विध्रुवीय विश्व नहीं है जब देश या तो अमेरिका या फिर पूर्व सोवियत संघ खेमे से जुड़े थे. यह रेखांकित करते हुए कि भारत और रूस के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं क्योंकि यह विश्वास पर आधारित हैं, मोदी ने कहा, ‘‘यह आपस में जुड़ा हुआ और एक-दूसरे पर निर्भरता वाला विश्व है. इसलिए देशों के बीच कुछ विवाद और कुछ सहयोग हो सकता है.’’

मोदी ने कहा कि पुतिन के साथ उनकी शिखर वार्ता के बाद कल जारी 24 पृष्ठ की सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा भारत-रूस संबंधों का पवित्र दस्तावेज है. उन्होंने कहा, ‘‘और मैं जानता हूं कि विश्व हमारे संबंधों के भविष्य की दिशा को लेकर हर शब्द का बारीकी से परीक्षण करेगा.’’ चीन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मतभेदों के बावजूद नई दिल्ली और बीजिंग दो वित्तीय संस्थान स्थापित करने के लिए ब्रिक्स मंच पर एक साथ आए हैं, जिनमें से चीन नीत एक संस्थान में भारत साझेदार है तथा एक ब्रिक्स बैंक जहां दोनों क्षेत्रीय महाशक्तियां सहयोगी हैं.

मोदी ने कहा, ‘‘विश्व में पारस्परिक निर्भरता और बढ़ रही है. हम ‘सबका साथ सबका विकास’ में विश्वास करते हैं. यह सिर्फ घरेलू कार्यक्रमों के लिए नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए भी है. हम विकास के लिए हर किसी को साथ लेकर चलना चाहते हैं.’’

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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