
अमेरिका ने कहा है कि वह पाकिस्तान सरकार और चुनावों में धांधली तथा भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर इस्लामाबाद में जारी प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे विपक्षी दलों के बीच मध्यस्थता नहीं कर रहा है।
विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता मैरी हर्फ ने यहां संवाददाताओं को बताया, हम प्रदर्शनों पर नजर रखे हुए हैं। हमारे विचार से पाकिस्तान में विचारों की शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति की गुंजाइश होनी चाहिए... हम वहां विभिन्न पक्षों के बीच हो रही बहस या प्रक्रिया में किसी भी तरह से शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने सभी पक्षों से शांतिपूर्ण बातचीत कर संकट का हल निकालने की अपील की है और उन्हें हिंसा से दूर रहने का सुझाव दिया है।
हर्फ ने कहा, हमें लगता है कि वहां शांतिपूर्ण बातचीत की जरूरत है। हम संविधानेत्तर उपायों के जरिये पाकिस्तान की सरकार को बदलने के प्रयासों का समर्थन नहीं करते। इसलिए नवाज शरीफ प्रधानमंत्री हैं, हम उनके साथ और पाकिस्तान में कई लोगों के साथ काम करते रहेंगे।
पाकिस्तान में इन दिनों पाकिस्तान तहरीक-ए-इन्साफ के अध्यक्ष इमरान खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक के नेता ताहिर उल कादरी की अगुवाई में शरीफ सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है, जिसके कारण देश एक और राजनीतिक संकट में उलझ गया है।
सरकार और प्रदर्शनकारी विपक्षी दलों के बीच बातचीत गुरुवार को टूट गई तथा राजनीतिक संकट और गहरा हो गया क्योंकि कादरी ने सरकार के वार्ता दल से मिलने से मना कर दिया। इमरान खान भी यह कहते हुए बातचीत से पीछे हट गए हैं कि वह ‘आखिर तक’ विरोध करते रहेंगे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं