
प्रतीकात्मक तस्वीर
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उत्तर कोरिया अमेरिका को ध्यान में रखकर बना रहा हथियार
अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का दूसरा परीक्षण
उनका देश अमेरिका के मुख्य भूभागों तक हमला कर सकता है
कोरियाई सेन्ट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि ह्वासोंग-14 मिसाइल के 3,725 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंचने और जापान के समुद्र में गिरने से पहले 998 किलोमीटर की दूरी तक जाने के बाद किम ने ‘‘बड़ी संतुष्टि’’ जताई.
एजेंसी ने कहा कि यह परीक्षण इस बात की पुष्टि करने के लिए किया गया कि मिसाइल अधिकतम दूरी तक जाए और साथ ही मिसाइल के अन्य तकनीकी आयामों की जांच करने के लिए किया गया. एजेंसी ने कहा कि यह मिसाइल ‘‘बड़े आकार वाले, भारी परमाणु आयुध’’ ले जाने में सक्षम है.
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विश्लेषकों ने अनुमान जताया कि उत्तर कोरिया की पहली आईसीबीएम अलास्का तक पहुंच सकती है तथा यह नई मिसाइल और अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम है. परीक्षण के तुरंत बाद अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें दागकर अभ्यास किया. दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सोंग योंग मू ने रणनीतिक अमेरिकी सैन्य हथियारों को तैनात करने का आह्वान किया जिसका आमतौर पर मतलब बमवर्षक विमान और विमान वाहक पोत होता है.
जापान सरकार के प्रवक्ता योशिहिदे सुगा ने कहा कि शुक्रवार देर रात को प्रक्षेपित की गई मिसाइल ने करीब 45 मिनट तक उड़ान भरी जो पहली मिसाइल के मुकाबले पांच मिनट ज्यादा है. यह मिसाइल काफी ऊंचाई से छोड़ी गई जिससे इसकी दूरी कम हो गई और यह जापान के होक्काइदो द्वीप में जाकर गिरी.
केसीएनए ने किम के हवाले से कहा कि इस परीक्षण से आईसीबीएम प्रणाली पर देश की विश्वसनीयता और ‘‘किसी भी क्षेत्र तथा किसी भी समय’’ प्रक्षेपित करने की क्षमता की पुष्टि होती है जिसकी जद में अब ‘‘समस्त’’ अमेरिका का मुख्य भूभाग है.
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एजेंसी के अनुसार, किम ने कहा कि यह परीक्षण अमेरिका को ‘‘गंभीर चेतावनी’’ देता है जो युद्ध और कड़े प्रतिबंधों की धमकियों के साथ ‘‘बेमतलब में अपनी तारीफ खुद करता रहता है.’’ (इनपुट भाषा)
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