उत्तर कोरिया में रह रहे मलेशियाई इस प्रतिबंध के बावजूद पहले की तरह ही बगैर किसी परेशानी के देश में रहेंगे.
सियोल:
उत्तर कोरिया ने मलेशिया में अपने शीर्ष नेता किम जोंग-उन के सौतेले भाई किम जोंग-नम की मौत के बाद दोनों देशों के बीच उपजे कूटनीतिक तनाव के बीच देश में रह रहे मलेशियाई नागरिकों के उत्तर कोरिया छोड़ने पर अस्थाई रोक लगा दी है.
उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विदेश मंत्रालय ने प्योंगयांग स्थित मलेशियाई दूतावास को सूचित किया है कि जब तक मलेशिया में उत्तर कोरियाई राजनयिकों और नागरिकों की सुरक्षा और 'मामले (नम हत्याकांड) के निष्पक्ष निपटारे की गारंटी' नहीं मिलती तब तक मलेशियाई नागरिकों को देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी.
दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी 'योनहाप' की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया में रह रहे मलेशियाई इस प्रतिबंध के बावजूद पहले की तरह ही बगैर किसी परेशानी के देश में रहेंगे.
वहीं, इसकी प्रतिक्रिया में मलेशिया की सरकार ने भी अपने देश से उत्तर कोरियाई दूतावास के सदस्यों और अधिकारियों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है.
'द स्टार' के अनुसार, मलेशिया के गृह मंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हम ऐसा करना नहीं चाहते थे, लेकिन इसकी जरूरत थी."
उन्होंने कहा, "गृह मंत्रालय ने उत्तर कोरियाई दूतावास के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी सदस्य के देश छोड़कर जाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है."
अहमद ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा प्रतिबंध केवल राजनयिकों पर ही लागू होगा, अन्य उत्तर कोरियाई नागरिकों को देश छोड़ जाने की अनुमति होगी.
इस घोषणा के तुरंत बाद पुलिस ने कुआलालंपुर में उत्तर कोरियाई दूतावास को चारों ओर से घेर लिया.
मलेशिया के उप विदेश मंत्री रीजल मेरिकन नैना मेरिकन ने बताया कि उत्तर कोरिया में उनके दूतावास के तीन सदस्यों और उनके परिवार सहित कुल 11 लोग फंसे हुए हैं.
'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विदेश मंत्रालय ने प्योंगयांग स्थित मलेशियाई दूतावास को सूचित किया है कि जब तक मलेशिया में उत्तर कोरियाई राजनयिकों और नागरिकों की सुरक्षा और 'मामले (नम हत्याकांड) के निष्पक्ष निपटारे की गारंटी' नहीं मिलती तब तक मलेशियाई नागरिकों को देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी.
दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी 'योनहाप' की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया में रह रहे मलेशियाई इस प्रतिबंध के बावजूद पहले की तरह ही बगैर किसी परेशानी के देश में रहेंगे.
वहीं, इसकी प्रतिक्रिया में मलेशिया की सरकार ने भी अपने देश से उत्तर कोरियाई दूतावास के सदस्यों और अधिकारियों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है.
'द स्टार' के अनुसार, मलेशिया के गृह मंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हम ऐसा करना नहीं चाहते थे, लेकिन इसकी जरूरत थी."
उन्होंने कहा, "गृह मंत्रालय ने उत्तर कोरियाई दूतावास के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी सदस्य के देश छोड़कर जाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है."
अहमद ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रा प्रतिबंध केवल राजनयिकों पर ही लागू होगा, अन्य उत्तर कोरियाई नागरिकों को देश छोड़ जाने की अनुमति होगी.
इस घोषणा के तुरंत बाद पुलिस ने कुआलालंपुर में उत्तर कोरियाई दूतावास को चारों ओर से घेर लिया.
मलेशिया के उप विदेश मंत्री रीजल मेरिकन नैना मेरिकन ने बताया कि उत्तर कोरिया में उनके दूतावास के तीन सदस्यों और उनके परिवार सहित कुल 11 लोग फंसे हुए हैं.
'स्टार डेली' के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजाक ने कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा मलेशियाई नागरिकों के देश छोड़कर जाने पर लगाए गए प्रतिबंध की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की एक आपात बैठक भी बुलाई.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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