फाइल फोटो
पेरिस:
फ्रांस के गृह मंत्री ने सोमवार को कहा कि अब तक जांच में नीस के ट्रक हमलावर और इस हमले की जिम्मेदारी का दावा करने वाले इस्लामिक स्टेट समूह समेत अन्य आतंकवादी नेटवर्कों के बीच संबंध अब तक स्थापित नहीं हो सका है। मंत्री बर्नार्ड कजेनुवे ने फ्रांस के आरटीएल रेडियो से कहा, ''हम लोग उस असंतुलित और बहुत अधिक हिंसक व्यक्ति को नहीं छोड़ सकते'' जिसने कट्टरता का सहारा लेकर यह अत्यंत घृणित अपराध किया।
31 वर्षीय ट्यूनीशियाई नागरिक मोहम्मद लाहोएज बुलेल ने बृहस्पतिवार की रात को नीस में आतिशबाजी के प्रदर्शन के दौरान जुटी भीड़ पर ट्रक चला दिया, जिससे 84 लोगों की मौत हो गई और करीब 300 लोग घायल हो गये थे। इस्लामिक स्टेट समूह ने कहा था कि उसके एक 'लड़ाके' ने इस हमले को अंजाम दिया।
पेरिस के अभियोजक फ्रांस्वा मोलिंस ने कहा कि बुलेल की हाल ही में 'कट्टरपंथी जेहादी आंदोलन' में दिलचस्पी पैदा हुई थी। जांच में यह भी पता चला है कि हमलावर ने हमले से आठ दिन पहले दाढ़ी बढ़ाई थी और लोगों से कहा था कि उसने धार्मिक वजह से ऐसा किया।
इस बीच, ट्यूनिशिया में बुलेल के चाचा सादोक बुलेल ने कहा कि हमले से दो सप्ताह पहले इस्लामिक स्टेट के एक अल्जीरियाई सदस्य ने बुलेल की भर्ती की थी।
उधर, नीस ट्रक हमले के शिकार लोगों के लिए सोमवार को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई लेकिन इस नरसंहार को लेकर राजनेताओं के बीच आपसी कलह ने शोक की भावना को प्रभावित किया।
देशभर में कई स्थानों पर ऐसी शोक सभाएं हुईं। प्रधानमंत्री मैनुअल वाल्स जब नीस प्रोमेनेड पहुंचे और वहां से निकले तो उन्हें 'इस्तीफे की मांग' वाले नारे सुनने पड़े। यह डेढ़ साल के भीतर फ्रांस में तीसरे बड़े हमले के बाद देश की जनता में आक्रोश और कड़वाहट को दिखाता है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
31 वर्षीय ट्यूनीशियाई नागरिक मोहम्मद लाहोएज बुलेल ने बृहस्पतिवार की रात को नीस में आतिशबाजी के प्रदर्शन के दौरान जुटी भीड़ पर ट्रक चला दिया, जिससे 84 लोगों की मौत हो गई और करीब 300 लोग घायल हो गये थे। इस्लामिक स्टेट समूह ने कहा था कि उसके एक 'लड़ाके' ने इस हमले को अंजाम दिया।
पेरिस के अभियोजक फ्रांस्वा मोलिंस ने कहा कि बुलेल की हाल ही में 'कट्टरपंथी जेहादी आंदोलन' में दिलचस्पी पैदा हुई थी। जांच में यह भी पता चला है कि हमलावर ने हमले से आठ दिन पहले दाढ़ी बढ़ाई थी और लोगों से कहा था कि उसने धार्मिक वजह से ऐसा किया।
इस बीच, ट्यूनिशिया में बुलेल के चाचा सादोक बुलेल ने कहा कि हमले से दो सप्ताह पहले इस्लामिक स्टेट के एक अल्जीरियाई सदस्य ने बुलेल की भर्ती की थी।
उधर, नीस ट्रक हमले के शिकार लोगों के लिए सोमवार को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई लेकिन इस नरसंहार को लेकर राजनेताओं के बीच आपसी कलह ने शोक की भावना को प्रभावित किया।
देशभर में कई स्थानों पर ऐसी शोक सभाएं हुईं। प्रधानमंत्री मैनुअल वाल्स जब नीस प्रोमेनेड पहुंचे और वहां से निकले तो उन्हें 'इस्तीफे की मांग' वाले नारे सुनने पड़े। यह डेढ़ साल के भीतर फ्रांस में तीसरे बड़े हमले के बाद देश की जनता में आक्रोश और कड़वाहट को दिखाता है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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