नेपाली राजदूत दीप कुमार उपाध्याय (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
नेपाल सरकार की ओर से नई दिल्ली में तैनात अपने राजदूत दीप कुमार उपाध्याय को वापस बुलाने के आदेश दिए जाने के बाद भी वह राष्ट्रीय राजधानी में जमे हुए हैं। बताया जा रहा है कि उपाध्याय ने इस बात से भी इनकार किया है कि उन्होंने भारत के साथ मिलकर नेपाल में के.पी. शर्मा ओली की सरकार गिराने की कोशिश की।
नेपाली दूतावास के सूत्रों ने दिल्ली में बताया, 'राजदूत को वापस बुलाए जाने के मुद्दे पर हमें कोई आधिकारिक संवाद प्राप्त नहीं हुआ है। हम जो भी जान रहे हैं वह मीडिया के जरिए ही जान रहे हैं। इसलिए, वह अपनी मौजूदा स्थिति में बने हुए हैं।'
नेपाल सरकार की ओर से उपाध्याय को वापस बुलाए जाने की कोई औपचारिक घोषणा तो नहीं की गई है, लेकिन काठमांडू से आने वाली खबरों में विदेश मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि ओली सरकार को लगभग गिरा देने वाले सत्ता संघर्ष में उपाध्याय की कथित भूमिका के कारण उन्हें बुलाया जा रहा है।
इसे बताया गया वापस बुलाने की वजह
नेपाल के विदेश मंत्रालय के साथ उपाध्याय के कथित असहयोग और काठमांडू में तैनात भारतीय राजदूत रंजीत राय के साथ हाल ही में उनके तराई क्षेत्र के दौरे पर जाने को इस फैसले की वजह बताया जा रहा है।
बहरहाल, इससे पहले आई खबरों के मुताबिक नेपाली राजदूत ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने नेपाल में केपी ओली की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार को गिराने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर कोई साजिश नहीं रची।
उपाध्याय ने राय के साथ नेपाल के तराई इलाकों में अशांत मधेस क्षेत्र का दौरा करने की खबरों से भी इनकार किया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
नेपाली दूतावास के सूत्रों ने दिल्ली में बताया, 'राजदूत को वापस बुलाए जाने के मुद्दे पर हमें कोई आधिकारिक संवाद प्राप्त नहीं हुआ है। हम जो भी जान रहे हैं वह मीडिया के जरिए ही जान रहे हैं। इसलिए, वह अपनी मौजूदा स्थिति में बने हुए हैं।'
नेपाल सरकार की ओर से उपाध्याय को वापस बुलाए जाने की कोई औपचारिक घोषणा तो नहीं की गई है, लेकिन काठमांडू से आने वाली खबरों में विदेश मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि ओली सरकार को लगभग गिरा देने वाले सत्ता संघर्ष में उपाध्याय की कथित भूमिका के कारण उन्हें बुलाया जा रहा है।
इसे बताया गया वापस बुलाने की वजह
नेपाल के विदेश मंत्रालय के साथ उपाध्याय के कथित असहयोग और काठमांडू में तैनात भारतीय राजदूत रंजीत राय के साथ हाल ही में उनके तराई क्षेत्र के दौरे पर जाने को इस फैसले की वजह बताया जा रहा है।
बहरहाल, इससे पहले आई खबरों के मुताबिक नेपाली राजदूत ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने नेपाल में केपी ओली की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार को गिराने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर कोई साजिश नहीं रची।
उपाध्याय ने राय के साथ नेपाल के तराई इलाकों में अशांत मधेस क्षेत्र का दौरा करने की खबरों से भी इनकार किया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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