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ओली, प्रचंड, देउबा... Gen-Z हिंसा में जान बचाकर भागे नेता अब कहां हैं, क्या कर रहे?

Gen Z प्रोटेस्ट के दौरान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, माओवादी नेता प्रचंड, पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल, झालानाथ खनल, कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा समेत कई मंत्रियों और नेताओं के घरों को भीड़ ने निशाना बनाया था.

ओली, प्रचंड, देउबा... Gen-Z हिंसा में जान बचाकर भागे नेता अब कहां हैं, क्या कर रहे?
  • नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट Gen Z ने ओली सरकार का तख्तापलट कर दिया.
  • हिंसक प्रदर्शन के बीच पीएम ओली, माओवादी नेता प्रचंड, देउबा समेत कई नेताओं के घरों को निशाना बनाया गया था.
  • सूत्रों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर नेता अब शिवपुरी स्थित आर्मी स्टाफ कॉलेज में कड़ी सुरक्षा में हैं.
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नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट हुए Gen Z ने केपी ओली सरकार का तख्तापलट कर दिया. प्रधानमंत्री ओली समेत कई प्रमुख मंत्रियों और नेताओं को जान बचाकर भागना पड़ा. सवाल ये है कि ये नेता अब कहां हैं और क्या कर रहे हैं?

युवाओं के हिंसक प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, माओवादी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड, पूर्व प्रधानमंत्री व एकीकृत समाजवादियों के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल, पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनल, कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, मंत्री व कांग्रेस नेता प्रकाश मान सिंह, यूएमएल उपाध्यक्ष बिष्णु पौडेल समेत तमाम नेताओं के घरों को भीड़ ने निशाना बनाया था. 

प्रदर्शनकारियों ने पीएम ओली के निजी निवास को भी आग के हवाले कर दिया था.

प्रदर्शनकारियों ने पीएम ओली के निजी निवास को भी आग के हवाले कर दिया था.

हिंसा के बीच नेपाली कांग्रेस, यूएमएल और माओवादियों जैसे राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. सूत्रों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर नेता अब शिवपुरी स्थित आर्मी स्टाफ कॉलेज में नेपाली सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाली पुलिस की सुरक्षा में हैं. सुरक्षा कारणों से इन्हें सेना की बैरक में रखा गया है.

कौन नेता अब कहां पर है?

  • केपी शर्मा ओली - कार्यवाहक प्रधानमंत्री और यूएमएल अध्यक्ष ओली को काठमांडू के शिवपुरी स्थित आर्मी स्टाफ कॉलेज में रखा गया है. प्रधानमंत्री आवास में आग लगने के बाद, उन्हें हेलीकॉप्टर से वहां पहुंचाया गया. वह अब सेना की बैरक में रह रहे हैं.
  • पुष्प कमल दहल - माओवादी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड भी शिवपुरी स्थित सैन्य प्रशिक्षण केंद्र में हैं. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने नेपाली कांग्रेस, यूएमएल और एकीकृत समाजवादियों से बातचीत शुरू कर दी है.
  • शेर बहादुर देउबा - पूर्व प्रधानमंत्री व नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष देउबा और उनकी पत्नी आरजू प्रदर्शनकारियों के हमले में घायल हो गए थे. उन्हें बुधनीलकांठा स्थित उनके आवास से बचाकर एक अस्पताल में पहुंचाया गया था. वहीं पर उनका इलाज चल रहा है.
  • नारायण काजी श्रेष्ठ - सीनियर माओवादी नेता श्रेष्ठ के हट्टीवन स्थित आवास में तोड़फोड़ की गई थी. बताया जा रहा है कि फिलहाल वह एक सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं.
  • पूर्व प्रधानमंत्री व एकीकृत समाजवादियों के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल, पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनल, पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता प्रकाश मान सिंह और यूएमएल उपाध्यक्ष बिष्णु पौडेल को भी सुरक्षा के लिहाज से शिवपुरी सैन्य प्रशिक्षण केंद्र में रखा गया है.

आगे क्या होगा, बातचीत शुरू

नेपाल में हिंसा थमने के बाद ताज़ा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर पार्टी नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत शुरू हो गई है. सूत्रों ने बताया कि नेताओं ने शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने-अपने ठिकानों से बातचीत शुरू कर दी है. उनका कहना है कि Gen Z आंदोलन की मांगों को संविधान के दायरे में रखा जाना चाहिए.

Gen-Z  के अनुरूप आगे बढ़ेंगे: कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव गगन कुमार थापा व विश्वप्रकाश शर्मा ने कहा कि पार्टी युवाओं की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप आगे बढ़ने के लिए तैयार है. बदली हुई परिस्थिति में, हम नेपाली कांग्रेस को एक ऐसी पार्टी के रूप में नए सिरे से गढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो युवाओं की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप ज़िम्मेदार राजनीति करे. हमें विश्वास है कि नेपाली कांग्रेस आम जनता की अपेक्षाओं, Gen-Z युवाओं की भावनाओं और अन्य पीढ़ियों के विचारों को शामिल करके एक मज़बूत और अधिक जन-संवेदनशील पार्टी के रूप में उभरेगी.

हिंसा की आग में झुलसे नेपाल को पटरी पर लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं.

हिंसा की आग में झुलसे नेपाल को पटरी पर लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं.
Photo Credit: PTI

UML का लोकतांत्रिक समाधान पर जोर

यूएमएल महासचिव शंकर पोखरेल और उप महासचिव प्रदीप ग्यावली ने राष्ट्रपति से संविधान के अनुसार युवाओं की मांगों पर ध्यान देने का आग्रह किया है. उन्होंने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद राजनीतिक समाधान संवैधानिक और लोकतांत्रिक तरीकों से खोजा जाना चाहिए. हमारा मानना ​​है कि लोकतांत्रिक गणराज्य और बहुदलीय प्रतिस्पर्धी व्यवस्था को किसी तरह से कमज़ोर नहीं किया जाना चाहिए और समाधान खोजने के हर प्रयास से लोकतंत्र और मज़बूत होना चाहिए.

संविधान की रक्षा जरूरीः माओवादी

माओवादी उप महासचिव जनार्दन शर्मा ने क़ानूनी तरीक़ों से समाधान निकालने का आग्रह किया है. उन्होंने एक प्रेस बयान में कहा कि अगर इस समय संविधान की रक्षा नहीं की गई तो सभी क़ानूनी औपचारिकताएं समाप्त हो जाएंगी और अराजकता फैलेगी. राष्ट्र और राष्ट्रीयता और भी संकट में पड़ जाएगी. ऐसे में क़ानूनी तरीक़ों से समाधान खोजा जाना जरूरी है. 

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