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नेपाल में युवाओं का सोशल मीडिया बैन पर हंगामा, संसद में घुसे प्रदर्शनकारी...देखिए फोटोज

जुलाई में सरकार ने ऑनलाइन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में वृद्धि का हवाला देते हुए टेलीग्राम ऐप को ब्लॉक कर दिया था. वहीं, अगस्त 2024 में टिकटॉक पर नौ महीने का प्रतिबंध हटाया गया था जब प्लेटफॉर्म ने नेपाली नियमों का पालन करने पर सहमति जताई. अब तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बैन पर युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा है.

नेपाल में युवाओं का सोशल मीडिया बैन पर हंगामा, संसद में घुसे प्रदर्शनकारी...देखिए फोटोज
काठमांडू:

नेपाल की राजधानी काठमांडू में आज हजारों युवाओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगे प्रतिबंध और देश में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ जोरदार हल्ला बोल दिया. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध हटाने और भ्रष्टाचार की संस्कृति को खत्म करने की मांग कर रहे हैं. शुक्रवार से नेपाल में फेसबुक, यूट्यूब और एक्स समेत कई सोशल मीडिया साइट्स बंद हैं. सरकार ने 26 ऐसे प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया है जो देश में रजिस्टर नहीं हैं. इससे आम यूजर्स में नाराजगी और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है.

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सोशल मीडिया बैन पर नाराज जेन Z

इंस्टाग्राम जैसे पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स के नेपाल में लाखों यूजर्स हैं जो मनोरंजन, खबरों और व्यापार के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं. सोमवार को प्रदर्शन की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई, जिसके बाद जनरेशन Z के प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय झंडे लहराते हुए सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ नारेबाजी की. 24 वर्षीय छात्र युजन राजभंडारी ने कहा, “हमें सोशल मीडिया बैन ने झकझोरा, लेकिन हम सिर्फ इसी वजह से इकट्ठा नहीं हुए हैं. हम उस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं जो नेपाल में संस्थाओं में भी घुस चुका है.”

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प्रदर्शन पर क्या बोल रहे छात्र

20 वर्षीय छात्रा इक्षमा तुमरोक ने कहा, “हम सरकार के तानाशाही रुख के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. हम बदलाव चाहते हैं, पहले की पीढ़ियों ने इसे सहा है, लेकिन अब इसे हमारी पीढ़ी में खत्म होना चाहिए.” बैन के बाद टिकटॉक पर ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें आम नेपाली नागरिकों की परेशानियों की तुलना नेताओं के बच्चों की ऐशो-आराम वाली जिंदगी से की जा रही है, टिकटॉक फिलहाल नेपाल में चालू है. प्रदर्शनकारी भूमिका भारती ने कहा, “दुनिया भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन हुए हैं और सरकार को डर है कि ऐसा कुछ नेपाल में भी हो सकता है.”

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आखिर क्या है पूरा मामला

सरकार ने पिछले महीने फैसला लिया था कि प्रभावित कंपनियों को नेपाल में रजिस्ट्रेशन कराने, संपर्क बिंदु स्थापित करने और शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करने के लिए 7 दिन दिए जाएंगे. यह निर्णय पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया. रविवार को जारी एक बयान में सरकार ने कहा कि वह विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करती है और इनके संरक्षण और उपयोग के लिए वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. नेपाल इससे पहले भी कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा चुका है.

जुलाई में सरकार ने ऑनलाइन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में वृद्धि का हवाला देते हुए टेलीग्राम ऐप को ब्लॉक कर दिया था। वहीं, अगस्त 2024 में टिकटॉक पर नौ महीने का प्रतिबंध हटाया गया था जब प्लेटफॉर्म ने नेपाली नियमों का पालन करने पर सहमति जताई।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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