काठमांडू:
नेपाल में 25 अप्रैल और 12 मई को आए भीषण भूकंप और उसके बाद के झटकों में मरने वालों की संख्या 8,583 पहुंच गई है। लेकिन मृतकों में महिलाओं की तादाद कम नहीं है। इस आपदा में अब तक 4714 महिलाओं ने जान गंवाई है।
नेपाल के गृहमंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 8,583 मृतकों में 4714 महिलाएं और 3825 पुरुषों ने जान गंवाई है। मंत्रालय के मुताबिक, 44 शवों के लिंग की पहचान अब तक नहीं हो पाई है।
सबसे ज्यादा मौतें सिंधुपालचौक, काठमांडू, ललितपुर, भक्तपुर, रसुवा, धाडिंग, नुवाकोट, कावरे और दोलखा में हुआ। इन जगहों पर कुल 4459 महिलाओं और 3581 पुरुषों की मौत हुई है।
नेपाल पुलिस ने कहा कि कावरे में 104 वर्षीय विष्णु माया भंडारी, गोरखा से 104 वर्षीय हरि मया देवकोटा और गोरखा से ही 102 वर्षीय गुथी माजी जान गंवाने वाली वयोवृद्ध महिलाएं हैं।
पुलिस ने कहा कि महिलाएं अधिकतर घर के कामों में व्यस्त थीं, जिसके कारण भूकंप आने से उन्हें ही सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा।
पुलिस के आंकड़े के मुताबिक, भूकंप में 10 साल के कम उम्र के 735 बच्चों की जहां मौत हो गई वहीं 80 साल से ऊपर के 274 बुजुर्गों ने जान गंवाई।
नेपाल के गृहमंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 8,583 मृतकों में 4714 महिलाएं और 3825 पुरुषों ने जान गंवाई है। मंत्रालय के मुताबिक, 44 शवों के लिंग की पहचान अब तक नहीं हो पाई है।
सबसे ज्यादा मौतें सिंधुपालचौक, काठमांडू, ललितपुर, भक्तपुर, रसुवा, धाडिंग, नुवाकोट, कावरे और दोलखा में हुआ। इन जगहों पर कुल 4459 महिलाओं और 3581 पुरुषों की मौत हुई है।
नेपाल पुलिस ने कहा कि कावरे में 104 वर्षीय विष्णु माया भंडारी, गोरखा से 104 वर्षीय हरि मया देवकोटा और गोरखा से ही 102 वर्षीय गुथी माजी जान गंवाने वाली वयोवृद्ध महिलाएं हैं।
पुलिस ने कहा कि महिलाएं अधिकतर घर के कामों में व्यस्त थीं, जिसके कारण भूकंप आने से उन्हें ही सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा।
पुलिस के आंकड़े के मुताबिक, भूकंप में 10 साल के कम उम्र के 735 बच्चों की जहां मौत हो गई वहीं 80 साल से ऊपर के 274 बुजुर्गों ने जान गंवाई।
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