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This Article is From Oct 22, 2011

रिश्तों में एक नए अध्याय की शुरुआत : भट्टराई

नई दिल्ली: भारत दौरे पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने शनिवार को अपनी इस यात्रा को 'सफल' बताया और जोर देकर कहा कि इससे द्विपक्षीय रिश्तों में 'एक नए अध्याय' की शुरुआत हुई है। एक दिन पहले दोनों देशों के बीच निवेश संरक्षण करार सहित तीन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। भट्टराई ने पत्रकारों से कहा, "मेरी यह यात्रा सफल यात्राओं में से एक है। दोनों देशों के बीच जो कुछ भी मतभेद थे उन्हें दूर कर लिया गया है।" नई दिल्ली और अपनी माओवादी नेतृत्ववाली सरकार के बीच रिश्तों की गरमाहट का संकेत देते हुए भट्टराई ने कहा, "भारत-नेपाल के रिश्तों में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। दोनों देशों के बीच आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा हुई है।" भट्टराई ने इस बात का संकेत दिया कि नेपाल में शांति प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार वहां के राजनीतिक दलों पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे। इसके पहले नई दिल्ली माओवादी नेतृत्व को लेकर सजग रहा है लेकिन अब पड़ोसी देश में परिस्थितियों को स्थिर करने के उद्देश्य से वह काम कर रही है। भट्टराई शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम और रक्षा मंत्री एके एंटनी से मिले और उनके साथ सुरक्षा सहयोग विस्तार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। इसके पहले भट्टराई ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और उन्हें अपने देश की ताजा राजनीतिक घटनाक्रमों के बारे में अवगत कराया और देश में शांति प्रक्रिया पटरी पर लाने में भारत से सहयोग की मांग की। वहीं, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत में उच्च शिक्षा प्राप्त माओवादी नेता को भरोसा दिलाया कि एक नए संविधान के निर्माण की प्रक्रिया तेज करने में राजनीतिक आम सहमति बनाने के लिए जो कुछ किया जा सकता है उसे भारत करेगा। उल्लेखनीय है कि दोनों नेताओं के बीच हुई वार्ता के बाद भारत ने नेपाल को 25 करोड़ डॉलर ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की जो दोनों देशों के बीच एक नए समीकरण को दर्शाता है। इसके अलावा विश्वास बहाली के एक अन्य उपाय के तहत भारत और नेपाल ने लम्बित द्विपक्षीय निवेश संवर्धन एवं संरक्षण करार पर हस्ताक्षर किए। साथ ही नेपाल भारतीय निवेशकों की सुरक्षा चिंताओं को दूर करने पर राजी हुआ। इस करार पर हस्ताक्षर हो जाने से नेपाल अपने देश में युद्ध, सशस्त्र संघर्ष अथवा आपातकाल की स्थितियों से निवेशकों की सम्पत्तियों को पहुंचने वाले नुकसान के लिए मुआवजा देगा। भारत लम्बे समय से निवेशकों के हितों की सुरक्षा की मांग कर रहा था। उल्लेखनीय है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले भट्टराई प्रधानमंत्री बनने के बाद गुरुवार को पहली बार भारत पहुंचे। नई दिल्ली पहुंचने पर भट्टराई ने कहा कि दोनों देशों का भविष्य एक दूसरे से जुड़ा है। साथ ही उन्होंने भारत और नेपाल के लोगों के बीच एकजुटता का आह्वान किया। भट्टराई रविवार को काठमांडू लौटने से पहले हरिद्वार और देहरादून जाएंगे।

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अध्याय, भट्टराई