नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई (फाइल फोटो)
काठमांडो:
करीब चार महीने पहले पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ की अगुवाई वाले यूसीपीएन-माओवादी को करारा झटका देते हुए पार्टी छोड़ देने वाले नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने रविवार को एक नई राजनीतिक पार्टी बना ली। माओवादी नेता रहे भट्टराई ने अपनी नई पार्टी में पूर्व माओवादियों को शामिल किया है।
भट्टराई ने दावा किया कि मधेसियों के विरोध-प्रदर्शन से प्रभावित नेपाल में यह पार्टी एक वैकल्पिक ताकत बनकर उभरेगी। भट्टराई ने ‘न्यू फोर्स नेपाल’ नाम की अपनी नई पार्टी की 35 सदस्यीय अंतरिम केंद्रीय परिषद की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि इस परिषद में आखिरकार 265 सदस्य होंगे।
अंतरिम परिषद में मुख्यत: पूर्व सरकारी अधिकारियों को शामिल किया गया है। प्रमुख सदस्यों में कलाकार करिश्मा मननधार, राजनीतिक विश्लेषक मुमाराम खनाल, पूर्व नौकरशाह रामेश्वर खनाल, वरिष्ठ माओवादी नेता देवेंद्र पौड्याल, मधेसी नेता रामचंद्र झा और रामरीझन यादव शामिल हैं।
यूसीपीएन-माओवादी के उपाध्यक्ष रह चुके 61 साल के भट्टराई ने दावा किया कि उनकी पार्टी एक वैकल्पिक ताकत के तौर पर उभरेगी, जो नेपाल का पुनर्निर्माण करेगी और देश में आर्थिक समृद्धि लाएगी।
भट्टराई ने कहा कि ‘न्यू फोर्स नेपाल’ पारदर्शिता, सदाचार और सुशासन पर जोर देगी।
भट्टराई ने नए संविधान के मुद्दे पर पिछले साल सितंबर में यूसीपीएन-माओवादी से अपना नाता तोड़ लिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि संगठन बेकार हो चुका है और 21वीं सदी में नेपाल को चलाने के लिए नई सोच की जरूरत है।
भट्टराई ने दावा किया कि मधेसियों के विरोध-प्रदर्शन से प्रभावित नेपाल में यह पार्टी एक वैकल्पिक ताकत बनकर उभरेगी। भट्टराई ने ‘न्यू फोर्स नेपाल’ नाम की अपनी नई पार्टी की 35 सदस्यीय अंतरिम केंद्रीय परिषद की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि इस परिषद में आखिरकार 265 सदस्य होंगे।
अंतरिम परिषद में मुख्यत: पूर्व सरकारी अधिकारियों को शामिल किया गया है। प्रमुख सदस्यों में कलाकार करिश्मा मननधार, राजनीतिक विश्लेषक मुमाराम खनाल, पूर्व नौकरशाह रामेश्वर खनाल, वरिष्ठ माओवादी नेता देवेंद्र पौड्याल, मधेसी नेता रामचंद्र झा और रामरीझन यादव शामिल हैं।
यूसीपीएन-माओवादी के उपाध्यक्ष रह चुके 61 साल के भट्टराई ने दावा किया कि उनकी पार्टी एक वैकल्पिक ताकत के तौर पर उभरेगी, जो नेपाल का पुनर्निर्माण करेगी और देश में आर्थिक समृद्धि लाएगी।
भट्टराई ने कहा कि ‘न्यू फोर्स नेपाल’ पारदर्शिता, सदाचार और सुशासन पर जोर देगी।
भट्टराई ने नए संविधान के मुद्दे पर पिछले साल सितंबर में यूसीपीएन-माओवादी से अपना नाता तोड़ लिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि संगठन बेकार हो चुका है और 21वीं सदी में नेपाल को चलाने के लिए नई सोच की जरूरत है।
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