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This Article is From May 20, 2011

नेपाल में सड़कों पर उतरा विपक्ष, सरकार को चुनौती

काठमांडू: नेपाल में शुक्रवार को मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल की गठबंधन सरकार में शामिल माओवादियों पर संविधान तथा शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को राजधानी में प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की। नेपाली कांग्रेस के पूर्व मंत्री गोपाल मान श्रेष्ठ ने कहा, "माओवादियों ने हथियार को लेकर प्रलोभन नहीं छोड़ा है। पांच साल पहले शांति समझौता पर हस्ताक्षर करने के बाजवूद यह एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी है। उनके पास अब भी अपने हथियार और अपनी सेना है। उन्होंने जब्त की गई सार्वजनिक सम्पत्ति भी नहीं लौटाई है।" नेपाली कांग्रेस ने प्रधानमंत्री खनाल से इस्तीफे की मांग की और कहा कि देश में राष्ट्रीय सरकार का गठन होना चाहिए। पूर्व गृह मंत्री कृष्णा प्रसाद सितौला ने कहा कि माओवादियों को अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की 28 छावनियां खाली करनी होंगी और अपने हथियार सरकार को सौंपने होंगे। नेपाली कांग्रेस ने माओवादी लड़ाकों को सेना में शामिल करने की संख्या को लेकर निर्णय करने के लिए चार दिन का समय दिया है। उल्लेखनीय है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 20,000 लड़ाके हैं। माओवादी 10,000 लड़ाकों को इसमें शामिल करने की मांग कर रहे हैं, जबकि नेपाली कांग्रेस 4,000-5,000 लड़ाकों को ही सेना में शामिल करने पर सहमत है। नेपाली कांग्रेस माओवादियों के अर्धसैनिक संगठन यंग कम्युनिस्ट लीग को भंग करने और विद्रोहियों द्वारा 10 साल की छापामार गतिविधियों के दौरान जब्त की गई सम्पत्ति को भी लौटाने की मांग कर रही है।

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नेपाल, सड़क, विपक्ष, सरकार
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