विज्ञापन
This Article is From Jan 22, 2011

नेपाली माओवादियों की गुरिल्ला सेना सरकार के हवाले

समझौते के मुताबिक शनिवार से पीएलए का नियंत्रण गुरिल्लाओं के समावेशीकरण और पुनर्वास के लिए बनाई गई विशेष समिति के हाथों में चली गई।
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
काठमांडू: शांति समझौता पर हस्ताक्षर करने और दशकभर पुराने हथियारबंद विद्रोह को समाप्त करने के करीब पांच साल बाद शनिवार को नेपाल की माओवादी पार्टी ने अपनी गुरिल्ला सेना को सरकार के हवाले करने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी। मंत्रियों, नेपाली सेना और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों के साथ ही कूटनीतिज्ञों और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में माओवादियों के प्रमुख पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल के साथ एक संयुक्त समझौता पर हस्ताक्षर किया। समझौते पर दक्षिणी चितवन जिला के शक्तिखोर में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की छावनी में हस्ताक्षर हुआ। समझौते के मुताबिक शनिवार से पीएलए का नियंत्रण गुरिल्लाओं के समावेशीकरण और पुनर्वास के लिए बनाई गई विशेष समिति के हाथों में चली गई। पूरे नेपाल की 28 छावनियों में लगभग 20,000 पीएलए विद्रोही हैं। पिछले सप्ताह तक वे संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक एजेंसी की निगरानी में थे। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के 15 जनवरी को नेपाल से वापस चले जाने के बाद छावनियों की निगरानी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली विशेष समिति के हाथ में आ गई थी। नेपाल ने कहा कि सरकारी सुरक्षा एजेंसी में शामिल होने की इच्छा रखने वाले लोगों को किसी भी तरह के राजनीतिक सम्बंधों का त्याग करना होगा। नियंत्रण हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर पीएलए की छावनियों से पीएलए का झंडा हटाकर राष्ट्रीय झंडा फहरा दिया गया।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
नेपाली, माओवादी, गुरिल्ला सेना
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com