NDTV Exclusive Video : इज़रायल-लेबनान सीमा पर हमास के हमलों के बाद बदतर हालात

Israel-Hamas War: इज़रायल और लेबनान के बीच विवाद का इतिहास काफी पुराना रहा है, लेकिन 2006 के बाद लेबनान की ओर से हमलों में काफी कमी देखने को मिली. लेकिन लेबनान में बैठा हिजबुल्‍लाह गुट हमेशा इज़रायल पर हमला करने की ताक में रहता है.

नई दिल्‍ली :

हमास आतंकी संगठन के हमले के बाद इज़रायल को कई मोर्चो पर हमलों का सामना करना पड़ रहा है. इज़रायल जहां दक्षिण मोर्चे से घुसकर गाज़ा में जमीनी हमले की तैयारी में है. वहीं, उत्‍तर में लेबनान की सीमा पर भी उसे मजबूत मोर्चाबंदी करनी पड़ी है. इज़रायल-लेबनान सीमा पर इस समय युद्ध जैसे हालात हैं. इज़रायल के बॉर्डर पर बसा मेतुला गांव तीन ओर से लेबनान सीमा से घिरा है. इज़राइल पर हमास के आतंकवादी हमले के बाद हिजबुल्लाह ने न सिर्फ़ हमास का समर्थन किया, बल्कि उसके पक्ष में खुल कर मैदान में उतर चुका है. NDTV बता रहा है कि हमास के हमलों से पहले और अब इज़रायल-लेबनान सीमा पर कैसे हालात हैं...

2022 में इज़रायल-लेबनान सीमा पर ऐसे थे हालात
9 नवंबर 2022 को जब एनडीटीवी की टीम इज़राइल और लेबनान की सीमा पर पहुंची थी, तो वहां हालात एकदम सामान्‍य थे. दोनों देशों के आम नागरिक सीमा पर आते-जाते नजर आ रहे थे. ब्‍लू लाइन (इज़रायल और लेबनान के बीच सीमा को ब्‍लू लाइन कहते हैं) के दोनों तरफ कोई सैनिक नजर नहीं आ रहा था. इज़रायल सीमा पर लेबनान का आखिरी गांव एलखेयान है, ये लेबनान के दक्षिणी इलाक़े का एक बड़ा शिया बहुल गांव है.

लेबनान और इज़राइल के बीच संघर्ष का एक लंबा इतिहास 
इज़रायल और लेबनान के बीच विवाद का इतिहास काफी पुराना रहा है, लेकिन 2006 के बाद लेबनान की ओर से हमलों में काफी कमी देखने को मिली. लेकिन लेबनान में बैठा हिजबुल्‍लाह गुट हमेशा इज़रायल पर हमला करने की ताक में रहता है. इज़रायल पर हमले के बाद से हिजबुल्‍ला गुट ने खुलकर हमास का समर्थन किया है. साथ ही कहा है कि सही समय आने पर वह इज़रायल के खिलाफ जारी जंग में हमास के साथ खड़ा हो जाएगा. इज़रायल और हिजबुल्‍लाह गुट के बीच हमले और जवाबी हमले हो रहे हैं. और पूरा सीमावर्ती इलाका युद्ध का मैदान बनता नजर आ रहा है. 

इज़रायल-लेबनान सीमा क्लोज़्ड मिलिट्री जोन घोषित
इज़रायल जहां दक्षिण मोर्चे से घुसकर गाज़ा में जमीनी हमले की तैयारी में है. वहीं, उत्‍तर में लेबनान की सीमा पर भी उसे मजबूत मोर्चाबंदी करनी पड़ी है. इज़रायल ने इसे क्‍लोज मिलिट्री जोन घोषित कर दिया है. साथ ही इज़रायल ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे ब्‍लू लाइन(इज़रायल-लेबनान सीमा) के साढ़े चार किलोमीटर के दायरे में न आएं, क्‍योंकि यहां वे गोलीबारी के शिकार हो सकते हैं. इज़रायल ने अपने नागरिकों से कहा है कि वह शेल्‍टरों के नजदीक रहें, ताकि हिजबुल्‍लाह के हमलों की चपेट में आने से बच पाएं. हिजबुल्‍लाह की ओर से जारी गोलीबारी के बीच रविवार को एक शख्‍स की मौत हो गई थी. इसके बाद इज़रायल की ओर से सीमावर्ती इलाके में रहनेवाले लोगों को ये दिशानिर्देश जारी किये गए हैं. इज़रायल ने कहा है कि जैसे ही खतरे का सायरन बजे, लोग तुरंत नजदीकी शेल्‍टर होम में जाएं.  

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इज़राइल डिफेंस फोर्स टैंक और आर्टिलेरी गन्स के साथ तैनात 
हिज़बुल्ला के हमले के मद्देनज़र पश्चिम गालिली पहाड़ी क्षेत्र के नहारिया, रोश हनिक्रा, हनिता और श्लोमी जैसे सीमावर्ती शहरों में रह रहकर सायरन की आवाज़ सुनाई दे रही है। रॉकेट हमले में घायल कई लोगों का इलाज़ गालिली मेडिकल सेंटर पर चल रहा है. यहां भारी तादाद में इज़राइल डिफेंस फोर्स टैंक और आर्टिलेरी गन्स के साथ तैनात किए गए हैं. और दक्षिणी लेबनान में हिज़बुल्ला के ठिकानों को नष्ट करने के लिए हवाई हमले का सहारा ले रहा है. 

हमास से कहीं अधिक ताक़तवर है हिजबुल्‍लाह
इज़राइल के रक्षा मंत्री ने कहा है कि इज़राइल, हिज़बुल्लाह के साथ लड़ाई नहीं चाहता. अगर हिज़बुल्लाह संयम बरतें, तो इज़राइल सीमा पर यथास्थिति बनाए रखेगा. दरअसल, एक साथ दो-दो मोर्चे इज़राइल के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. हिज़बुल्लाह के पास अधिक उन्नत हथियार और बड़ी तादाद में रॉकेट हैं. वह इज़राइल की तरफ़ ड्रोन भी भेज रहा है और एंटी टैंक मिसाइल से भी हमले कर रहा है. वह इज़रायल के सैन्य पोस्ट पर भी हमले कर रहा है. वह हमास से कहीं अधिक ताक़तवर है. इसे ईरान से सीधी मदद मिलती है और इसका इस क्षेत्र में अपना एक दबदबा है. ये सीरिया और इराक़ और यमन समेत मध्यपूर्व की कई लड़ाइयों भागीदार रहा है. 

हिजबुल्‍लाह ने सीरिया के विद्रोहियों के ख़िलाफ़ राष्ट्रपति बशर-अल-अशद का साथ दिया है और ISIS और अल क़ायदा से जुड़े नुसरा फ्रंट के ख़िलाफ़ भी लड़ाई लड़ी है. इज़राइल पर हमास के 7 अक्तूबर के आतंकी हमले के बाद हमास ने तुरंत हमास का साथ देने का ऐलान कर दिया था. उसने कहा है कि इज़रायल के साथ लगने वाली सीमा पर जो हो रहा है, वो सीधे-सीधे ग़ाज़ा में होने वाली इज़रायल की कार्रवाई पर निर्भर है.

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