वाशिंगटन:
मानव की गतिविधियां पृथ्वी के भू-दृश्य को लंबे समय से प्रभावित करती रही हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हम रेडियो कम्युनिकेशंस के माध्यम से हमारे अंतरिक्ष के पर्यावरण को भी प्रभावित कर रहे हैं. पृथ्वी के निकट पर्यावरण में इलेक्ट्रॉन व आयन का अध्ययन करने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वान एलेन प्रोब्स के मुताबिक, इस तरह के कम्युनिकेशंस का प्रभाव हमारे वायुमंडल के बाहरी क्षेत्र में भी हो रहा है, जिसके कारण पृथ्वी के चारों ओर बुलबुलों का निर्माण हो रहा है.
एक खास तरह के कम्युनिकेशंस (बेहद कम आवृत्ति या वीएलएफ या रेडियो कम्युनिकेशंस) अंतरिक्ष में मौजूद कणों के साथ प्रतिक्रिया करते पाए गए हैं, जिससे उनकी गति (कण कैसे और कहां जा रहे हैं) प्रभावित हो रही है.
वेस्टफोर्ड मैसाचुसेट्स में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के सहायक निदेशक फिल एरिक्सन ने कहा, "कई तरह के परीक्षण व अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ है कि सही हालात में वीएलएफ फ्रीक्वेंसी रेंज में रेडियो कम्युनिकेशंस सिग्नल वस्तुत: पृथ्वी के चारों ओर उच्च-ऊर्जा विकिरण के गुणों को प्रभावित करता है." नासा के वान एलेन प्रोब्स ने भी पृथ्वी की काफी ऊंचाई से अंतरिक्ष में इन बुलबुलों को देखा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक खास तरह के कम्युनिकेशंस (बेहद कम आवृत्ति या वीएलएफ या रेडियो कम्युनिकेशंस) अंतरिक्ष में मौजूद कणों के साथ प्रतिक्रिया करते पाए गए हैं, जिससे उनकी गति (कण कैसे और कहां जा रहे हैं) प्रभावित हो रही है.
वेस्टफोर्ड मैसाचुसेट्स में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के सहायक निदेशक फिल एरिक्सन ने कहा, "कई तरह के परीक्षण व अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ है कि सही हालात में वीएलएफ फ्रीक्वेंसी रेंज में रेडियो कम्युनिकेशंस सिग्नल वस्तुत: पृथ्वी के चारों ओर उच्च-ऊर्जा विकिरण के गुणों को प्रभावित करता है." नासा के वान एलेन प्रोब्स ने भी पृथ्वी की काफी ऊंचाई से अंतरिक्ष में इन बुलबुलों को देखा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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