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This Article is From Jan 18, 2016

विदेशी मुस्लिम महिलाएं अंग्रेजी सीखें या उन्हें देश छोड़कर जाना होगा : ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन

विदेशी मुस्लिम महिलाएं अंग्रेजी सीखें या उन्हें देश छोड़कर जाना होगा : ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन
डेविड कैमरन की फाइल तस्वीर
लंदन: ब्रिटेन में रह रहीं विदेशी मुस्लिम महिलाएं अगर उच्च स्तर की अंग्रेजी सीखने में नाकाम रहती हैं, तो उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ सकता है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने सोमवार को इसकी घोषणा की है। उन्होंने यह भी कहा कि कमजोर अंग्रेजी भाषा के चलते लोगों के इस्लामिक स्टेट के संदेशों से आसानी से प्रभावित होने की आशंका रहती है।

कैमरन से जब एक इंटरव्यू में सवाल किया गया कि क्या यह नियम उन माताओं पर भी लागू होगा, जो यहां आकर बसीं और अब उनकी संतानें हो चुकी हैं, तो उन्होंने कहा कि वह इस बात की गारंटी नहीं दे सकते कि ऐसी महिलाएं रह पाएंगी। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने उन्हें अंग्रेजी सिखाने पर 3 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च करने की सोमवार को घोषणा की।

कैमरन ने कहा कि ढाई साल बाद ऐसे लोगों को एक टेस्ट से गुजरना होगा जो उनकी अंग्रेजी की परख करेगा कि उनमें कितना सुधार हुआ है।

कैमरन सरकार के एक अनुमान के मुताबिक 190000 मुस्लिम महिलाएं जो इंग्लैंड में रह रही हैं उनमें करीब 22 प्रतिशत ऐसी हैं जिन्हें बहुत कम अंग्रेजी आती है या बिल्कुल अंग्रेजी नहीं आती। यह भी अनुमान है कि करीब 53 मिलियन आबादी वाले ब्रिटेन में 2.7 मिलियन आबादी मुस्लिम समुदाय की है। तमाम मुस्लिम नेताओं ने कैमरन के बयान की निंदा की है।

नियमों के मुताबिक, बाहर से जाकर ब्रिटेन में बसे लोगों की संतानों को ब्रिटेन की नागरिकता मिल जाती है। उसे वहां रहने की इजाजत होती है, लेकिन अपने पिता के साथ। माताओं पर यह नियम लागू नहीं होता।

वर्तमान आव्रजन (इमीग्रेशन) नियमों के मुताबिक ब्रिटेन में जाकर अपने साथियों के साथ बसने वाली महिलाओं को अंग्रेजी सीखना अनिवार्य है।

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