साल 2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के मामले में मुकदमा चला रही पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक अदालत ने सात संदिग्धों के वकीलों के न्यायाधीश के समक्ष उपस्थित होने में विफल रहने के बाद मामले की सुनवाई एक पखवाड़े के लिए मंगलवार को स्थगित कर दी।
सूत्रों ने बताया कि बचाव पक्ष के मुख्य वकील ख्वाजा सुल्तान बीमार थे जबकि अन्य वकील रावलपिंडी के अडियाला जेल में चल रही मामले की सुनवाई के दौरान आतंकवाद निरोधी अदालत के न्यायाधीश शाहिद रफीक के समक्ष उपस्थित नहीं हुए।
संघीय जांच एजेंसी ने एक आवेदन देकर न्यायाधीश से अनुरोध किया कि वह एक अधिकारी को नामित करें जो पाकिस्तानी न्यायिक आयोग के साथ अदालत की कार्यवाही के रिकॉर्ड भारत ले जाए।
सूत्रों ने बताया कि न्यायाधीश ने कहा कि वह जल्द ही इस संबंध में आदेश देंगे। न्यायाधीश ने इसके बाद अदालत की कार्यवाही 17 जनवरी तक स्थगित कर दी।
न्यायिक आयोग महत्वपूर्ण कानूनी और पुलिस अधिकारियों का बयान दर्ज करने के लिए भारत जाने को तैयार है। ये अधिकारी मुंबई हमले में शामिल एकमात्र जिंदा बचे आतंकवादी अजमल कसाब का इकबालिया बयान दर्ज करने और साल 2008 में हुए हमले की जांच करने से जुड़े हैं। गत 17 दिसंबर को पिछली सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत को सूचित किया था कि उनमें से पांच न्यायिक आयोग के साथ भारत जाने को तैयार हैं।
पाकिस्तान अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तान में मामले को आगे बढ़ाने के लिए आयोग का भारत जाना अपरिहार्य है। पाकिस्तान में यह मामला अवरूद्ध हो चुका है।
लश्कर-ए-तय्यबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत सात संदिग्धों पर मुंबई हमले की योजना बनाने, उसके लिए वित्तपोषण करने और सुविधा मुहैया कराने का आरोप है। गौरतलब है कि मुंबई हमले को 10 आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।
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