तहव्वुर राणा के बारे में डिटेल में जानिए.
डॉक्टर को भगवान कहा जाता है, लेकिन तहव्वुर राणा वो डॉक्टर है जिसने जान बचाने की जगह कई बेगुनाहों की जान ली है. वो एक ऐसा आतंकी है जिसने अन्य आतंकियों के साथ मिलकर 26 दिसंबर 2008 को मुंबई में मौत का ऐसा तांडव किया गया था, जिसे देखकर पूरा देश सिहर गया था. 26/11 हमले को 17 साल बीत चुके हैं, लेकिन ताज और ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल पर भयावह हमले की यादें आज भी लोगों के जहन में मौजूद हैं. मुंबई में हुई 166 लोगों की मौत को देश आज तक भुला नहीं सका है, लेकिन अब तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) के हिसाब-किताब का वक्त आ गया है. अमेरिका तहव्वुर को भारत को सौंपने जा रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि राणा का भारत के हवाले किया जाएगा. इसे भारत के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है. ट्रंप ने रणा को दुनिया के सबसे बुरे इंसानों में से एक बताया है. तहव्वुर राणा आतंक की राह पर कैसे चल पड़ा, उसकी पूरी क्राइम कुंडली यहां पढ़िए.
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है. उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उसने एक दशक से अधिक समय तक पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम किया था. उसे मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का करीबी माना जाता है. जेल जाने से पहले वह शिकागो में रहता था और वहीं पर अपना कारोबार चलाता था. अदालती दस्तावेजों के मुताबिक वह कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड में भी रहता था और वहां आता-जाता रहता था. उसे सात भाषाएं आती हैं.
मुंबई हमलों में तहव्वुर राणा की भूमिका
तहव्वुर राणा पर 17 साल पहले मुंबई में हुए आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड डेविड हेडली की मदद करने का आरोप है. हेडली ने राणा की ही मदद से खुद अमेरिका से पांच बार भारत आकर उन जगहों की रेकी की थी, जिन जगहों पर मुंबई में हमले हुए थे. उसने हमले की साजिश रचने वाले आतंकी गुट लश्कर-ए-तैयबा का पूरा साथ दिया था. उस पर डेविड हेडली के साथ मिलकर मुंबई हमले की साजिश रचने, युद्ध छेड़ने, हत्या करने, धोखाधड़ी और जालसाजी के जरिए जाली दस्तावेज़ का इस्तेमाल करने और आतंकी हमले को अंजाम देने का आरोप लगा है.
हेडली ने मुंबई में अपनी पहचान छिपाने के लिए ताडदेव इलाके में "फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज" नाम की इमीग्रेशन कंपनी का दफ्तर खोला था. इस कंपनी का मालिक तहव्वुर राणा था, और इसकी शाखाएं दुनिया भर में थीं.इस कंपनी के जरिए मुंबई हमले के लिए राणा ने हेडली की मदद खूब मदद की.
तहव्वुर ने कैसे रची हमले की साजिश?
बताया जाता है कि तहव्वुर राणा अमेरिका में इमीग्रेशन कंपनी चलाता था. 1997 में वह फौज की नौकरी छोड़ कर अपनी डॉक्टर पत्नी के साथ कनाडा में बस गया. 2001 में उसे कनाडा की नागरिकता मिली. लेकिन रह वह शिकागो में ही रहकर अपनी इमीग्रेशन कंपनी चलाने लगा. वह अपने पुराने दोस्त डेविड हेडली संग मुंबई आतंकी हमले की साजिश में शामिल हो गया. हमले वाले ठिकानों की रेकी के लिए वह एक बार अपनी पत्नी के साथ मुंबई आया और उसी ताजमहल होटल में ठहरा, जिस पर बाद में आतंकियों ने हमला किया था.
तहव्वुर राणा फिलहाल कहां है?
तहव्वुर को साल 2009 में अमेरिकी फेडरल पुलिस ने गिरफ्तार किया था. तब से वह शिकागो जेल में बंद है. दरअसल अमेरिका की कोर्ट ने उसे डेनमार्क में आतंकी संगठनों को समर्थन देने के आरोप में 14 साल की सजा सुनाई थी, हालांकि मुंबई हमला मामले में उसे बरी कर दिया गया था. उस पर मुंबई में हमले के लिए डेविड हेडली की आर्थिक मदद करने का आरोप है.
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