जब आपने मन में दुनिया के सबसे बड़े जासूस का ख्याल आता है तो क्या सूट-बूट पहने जेम्स बॉन्ड की तस्वीर आंखों के सामने आ जाती है? अगर सिर्फ वही तस्वीर आती है तो आप एक बड़ी गलती कर रहे हैं. दुनिया में जासूसी कोई 60-70 साल पहले शुरू हुई और एडवांस गैजेट से लैस किसी एजेंट का पेशा भर नहीं है. यह तो सदियों से चली आ रही एक सामरिक कौशल है जिसे राजा-महाराजाओं ने भी अपने समय में बखूबी इस्तेमाल किया है. इसका जिक्र आप रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में भी पाते है. चलिए आपको यहां आधुनिक इतिहास के 5 सबसे जांबाज जासूसों से मिलाते हैं.
1- नाथन हेल
1775 में जब ब्रिटेन से आजादी के लिए अमेरिकी क्रांति शुरू हुई तब नाथन हेल केवल 20 वर्ष के थे. वह फर्स्ट लेफ्टिनेंट के रूप में 7वीं कनेक्टिकट रेजिमेंट में शामिल हुए. अगले ही साल जॉर्ज वाशिंगटन ने लेफ्टिनेंट कर्नल थॉमस नोल्टन को फील्ड इंटेलिजेंस के लिए समर्पित एक खास यूनिट बनाने का काम सौंपा. इसी यूनिट को नाम दिया गया नॉल्टन रेंजर्स और हेल एक कप्तान के रूप में इसमें शामिल हुए. लॉन्ग आइलैंड की लड़ाई में जब जॉर्ज वाशिंगटन की करारी हार हुई तो उसके बाद उन्हें ब्रिटिश सैनिकों के पोजिशन की खुफिया जानकारी की सख्त जरूरत थी. अकेले हेल ही थे जिन्होंने अपना हाथ उठाया और इस मिशन के लिए खुद का नाम दिया. एक स्कूली शिक्षक का भेष बनाकर हेल ने सितंबर 1776 में ब्रिटिश-नियंत्रित लॉन्ग आइलैंड की यात्रा की. वहां उन्होंने सफलतापूर्वक जरूरी खुफिया जानकारी जमा की, लेकिन अमेरिकी सीमा पर लौटते समय उन्हें पकड़ लिया गया. 22 सितम्बर 1776 को हेल को अंग्रेजों ने फांसी दे दी. मौत के समय उनकी उम्र केवल 21 साल थी.
2- सर फ्रांसिस वालसिंघम
सर फ्रांसिस वालसिंघम उस समय इंग्लैंड में रहते थे जब आपका धर्म ही आपके जीवन और मौत का सवाल बन जाता था. 1553 में प्रोटेस्टेंट धर्म के एडवर्ड VI की मौत हुई, तो उनकी कैथोलिक सौतेली बहन मैरी रानी बन गई. मैरी ने प्रोटेस्टेंट धर्म के सैकड़ों लोगों को जला दिया गया, जिससे मैरी को "ब्लडी मैरी" का निकनेम मिला. वालसिंघम खुद एक प्रोटेस्टेंट थे और इस वक्त वो इंग्लैंड से भाग गए. 1558 में जब मैरी की मृत्यु के बाद एलिजाबेथ प्रथम (एक प्रोटेस्टेंट) रानी बनीं तो वालसिंघम वापस लौटे. वालसिंघम 1559 में संसद के लिए चुने गए और जल्दी ही एलिज़ाबेथ की सरकार में उन्हें इंग्लैंड की प्रिवी काउंसिल का प्रमुख सचिव (विदेश मंत्री) नियुक्त किया गया. कैथोलिक विद्रोहों से डर से वालसिंघम ने कैथोलिक षड्यंत्रकारियों का पता लगाने के लिए विदेश और पूरे इंग्लैंड में जासूसों का एक नेटवर्क तैयार किया. कैथोलिक चाहते थे कि रानी एलिजाबेथ की हत्या की जाए और उनकी कैथोलिक चचेरी बहन, मैरी (स्कॉट्स की रानी) को सिंहासन पर बैठाया जाए. वालसिंघम और उसके जासूसों ने ऐसा होने नहीं दिया. दो बार वालसिंघम ने रानी की हत्या के षडयंत्र का पर्दाफाश किया. आखिर में मैरी को इसका दोषी पाया गया और 1587 में उसे मौत की सजा मिली.
3- रोज़ ओ'नील ग्रीनहॉव
अमेरिका के गृहयुद्ध के दोनों पक्षों में जासूसों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और महिलाओं ने युद्ध के सबसे कुख्यात एजेंटों में से कुछ के रूप में काम किया. रोज़ ओ'नील ग्रीनहो इन जासूसों में से एक थीं. फेमस पिंकर्टन डिटेक्टिव एजेंसी के संस्थापक एलन पिंकर्टन के अनुसार ग्रीनहो के पास ऐसी मोहक शक्तियां थीं जिससे बचा नहीं जा सकता था और लगभग एक अलौकिक शक्ति थी. उन्होंने इन शक्तियों का उपयोग उन सैन्य अधिकारियों से गोपनीय सैन्य रहस्य निकलवाने के लिए किया जिनका उन्होंने मनोरंजन किया था. उन्होंने वर्जीनिया के मानसास में केंद्रीय सेना कहां मूव कर रही है, इसके बारे में भई सफलतापूर्वक पता लगा लिया था और उन्होंने कॉन्फेडरेट जनरल ब्योरगार्ड को सतर्क कर दिया था.
4- माटा हरी
नाम तो वैसे मार्गरेटा गीर्ट्रुडिया जेले था लेकिन दुनिया उन्हें उनके स्टेन नेम- माटा हरी से याद करती है. 1876 में नीदरलैंड में जन्मी, माटा हारी एक डच सेना के कप्तान की पत्नी थी. वो अपनी मातृभूमि छोड़कर इंडोनेशिया चली गईं. उनकी शादी खुशहाल नहीं थी. वह और उनके पति अंततः नीदरलैंड वापस चले गए और 1906 में तलाक हो गया. बाद में माटा पेरिस चली गईं, जहां उन्होंने इस स्टेज ने के साथ एक कलाकार के मॉडल और एक विदेशी डांसर के रूप में काम किया. 1914 में प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत तक, उनकी लोकप्रियता कम होने लगी थी. यहीं उन्होंने अपना जासूसी कैरियर शुरू किया. पूरे युद्ध के दौरान वह पूरे यूरोप में फ्रांस, इंग्लैंड, स्पेन और हॉलैंड के बीच स्वतंत्र रूप से यात्रा करती रहीं. 1917 में, फ्रांसीसी द्वारा डबल एजेंट के रूप में पकड़े गए जर्मन संदेशों में उनका नाम लिया गया था, और उन्हें फरवरी में फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया. माटा हरी को जर्मनी ने डबल एजेंट होने के कई सबूत पर दोषी ठहराया गया. उन्हें 15 अक्टूबर, 1917 को फायरिंग दस्ते ने मौत के घाट उतार दिया.
5- एल्ड्रिच एम्स
एल्ड्रिच एम्स सोवियत संघ और रूस के सबसे सफल डबल एजेंटों में से एक थे. वो CIA एनालिस्ट के बेटे थे. खुद 1962 में CIA में शामिल हुए और विभिन्न विभागों में काम करते रहे. उन्होंने 1985 से 1986 तक सोवियत काउंटरइंटेलिजेंस शाखा के प्रमुख के रूप में काम किया. लगभग इसी समय, CIA अधिकारियों को एहसास हुआ कि उनके अंदर कोई घर का भेदी है. एक तिल है. अमेरिका को पता ही नहीं था कि भेदी कोई और नहीं खुद एम्स थे. एम्स के पास सोवियत के खिलाफ CIA के विश्वव्यापी अभियानों और अन्य संवेदनशील जानकारी थी. उन्होंने तो 1991 में एक छोटा KGB वर्किंग ग्रुप भी चलाया. एक्टिव एजेंट होने के बावजूद, एम्स को 1986 और 1991 में पॉलीग्राफ किया गया था और दोनों टेस्ट में वो पास भी हो गए. एम्स की शानदारी जीवनशैली को देखकर अंततः FBI ने 1993 में जांच शुरू की. एम्स और उनकी पत्नी को जासूसी के आरोप में 21 फरवरी 1994 को गिरफ्तार किया गया. एम्स ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और वह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. उनकी पत्नी ने कम आरोपों में दोषी ठहराया, उन्होंने पांच साल की सजा काट ली और तब से रिहा कर दिया गया है.
(इनपुट- HeinOnline Blog)
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