पाकिस्तान में मानसून की बारिश ने भारी तबाही मचाई है. बारिश की वजह से पाकिस्तान में आई बाढ़ की वजह से अब तक 1000 से अधिका लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ के चलते देश में करीब 3.3 करोड़ लोग विस्थापित हो गए हैं. मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने पाकिस्तान के एक तिहाई हिस्से को जलमग्न कर दिया है. भारी मॉनसून की बारिश ने घरों, व्यवसायों, बुनियादी ढांचे और फसलों को नष्ट कर दिया है. देश में इस साल अगस्त की तिमाही में 30 साल के औसत से लगभग 190 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जो कुल 390.7 मिलीमीटर (15.38 इंच) है. बारिश से 5 करोड़ की आबादी वाला सिंध प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, 30 साल के औसत से 466% अधिक बारिश हो रही है.
संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा, "अभूतपूर्व जलवायु आपदा" के प्रभावों को देखने के लिए गुतारेस अगले सप्ताह पाकिस्तान जाएंगे. उन्होंने कहा कि जलवायु आपदा के पैमाने ने दुनिया का सामूहिक ध्यान आकर्षित किया. राज्य द्वारा संचालित आपदा प्रबंधन एजेंसी ने एक बयान में कहा कि मंगलवार को उत्तरी पाकिस्तान में कुछ पर्यटकों सहित लगभग 300 फंसे हुए लोगों को एयरलिफ्ट किया गया, जबकि 50,000 से अधिक लोगों को उत्तर-पश्चिम में दो सरकारी आश्रयों में ले जाया गया.
63 वर्षीय ग्रामीण जो अपने माता-पिता और पांच बच्चों के साथ आश्रयों में से एक में थे. उन्होंने कहा, "यहां जीवन बहुत दर्दनाक है," उनके परिवार ने "सब कुछ खो दिया है."पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने स्वात की उत्तरी घाटी का दौरा किया और बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि हालत ऐसे हैं कि पुनर्वास में लंबा वक्त लगेगा." संयुक्त राज्य अमेरिका यूएसएआईडी के माध्यम से पाकिस्तान को $ 30 मिलियन की सहायता प्रदान करेगा."पूरे पाकिस्तान में जीवन बुरी तरह प्रभावित है, आजीविका पर भी काफी असर पड़ा है और घरों को काफी नुकसान हुआ है."
सरकार ने कहा कि शुरुआती अनुमानों के मुताबिक बाढ़ से 10 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है. हालांकि पीएम ने कहा कि नुकसान इससे ज्यादा होने की संभावना है. मूसलाधार बारिश की वजह से अचानक बाढ़ आ गई जिसने इमारतों और पुलों को नष्ट कर दिया. पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा कि हजारों लोग भोजन, साफ पानी, आश्रय या बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के बिना खुले में रह रहे हैं. गुतारेस ने कहा कि उन्होंने अपील के साथ 160 मिलियन डॉलर जुटाने की उम्मीद की, जिससे 5.2 मिलियन लोगों को भोजन, पानी, स्वच्छता, आपातकालीन शिक्षा और स्वास्थ्य सहायता मिलेगी.
प्रधान मंत्री शरीफ को डर है कि ये तबाही अर्थव्यवस्था को और बुरी हालात में ले जाएगी. जबकि पाकिस्तान पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है. यहां तक की गेहूं की बुवाई में भी देरी हो सकती है. राष्ट्रीय आपदा एजेंसी के प्रमुख जनरल अख्तर नवाज ने कहा कि पाकिस्तान के 160 जिलों में से कम से कम 72 जिलों को आपदा प्रभावित घोषित किया गया है. उन्होंने कहा कि 20 लाख एकड़ (809,371 हेक्टेयर) से अधिक कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आ गई है. भुट्टो-जरदारी ने कहा, "स्थिति और भी खराब होने की संभावना है क्योंकि दो महीने से अधिक समय से आए तूफान और बाढ़ से प्रभावित इलाकों में भारी बारिश जारी है."
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के अनुसार, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य भाषण दिया. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस का वीडियो संदेश जारी किया गया. बिलावल ने कहा कि औसत से अधिक मानसून के कारण हम इस समस्या का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जलवायु के कारण तबाही का एक बिल्कुल नया स्तर है और प्रकृति सभी को संदेश भेज रही है. गुतारेस ने कहा कि पाकिस्तान बाढ़ के कारण गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है और भारी बारिश तथा बाढ़ के कारण व्यापक प्रभाव पड़ा है.
पाकिस्तान और वैश्विक निकाय ने 16 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद के लिए संयुक्त रूप से अपील जारी की ताकि देश को भीषण बाढ़ से निपटने में मदद मिल सके. गुतारेस ने कहा कि इस राशि से 52 लाख लोगों को भोजन, पानी, स्वच्छता, आपातकालीन शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी मदद दी जा सकेगी. इस बीच, कनाडा ने 50 लाख अमेरिकी डालर की पाकिस्तान को सहायता देने की घोषणा की है, जबकि चीन सरकार ने पाकिस्तान सरकार को 10 करोड़ युआन देने का वादा किया है. ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स ने सोमवार को हार्दिक संवेदना व्यक्त की. पाकिस्तान के राष्ट्रपति को भेजे एक संदेश में, प्रिंस चार्ल्स ने कहा, ‘‘मैं और मेरी पत्नी पाकिस्तान में हाल में आयी बाढ़ से हुई तबाही से बहुत दुखी हैं.
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सभी बाढ़ पीड़ितों और उनके प्रियजनों तथा उन लाखों लोगों के प्रति हम संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने संपत्ति और अपनी आजीविका खो दी है.'' ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के अनुसार, पाकिस्तान के उत्तरी हिस्से में नदियों में भारी जल प्रवाह से सिंध प्रांत में सिंधु नदी के तटबंधों के टूटने का खतरा उत्पन्न हो गया है. ‘डॉन' अखबार के अनुसार, सिंध प्रांत में मूसलाधार बारिश जारी है, कई एकड़ खेत की उपजाऊ मिट्टी बह गई है, जिससे 1.6 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है.
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